पिथौरागढ़।   जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति एवं SAARA परियोजना के अंतर्गत जल संरक्षण अधिनियम 2025 के संचालन क्रियान्वयन हेतु कार्यनीति/रूपरेखा निर्धारण के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई।

जिला गंगा समिति की बैठक की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी द्वारा समस्त प्रमुख नदियों के संरक्षण के लिए एवं प्रतिबन्धित सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतया रोक लगाने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तथा वेस्ट डिस्पोजल मैनेजमेंट के अलावा विभिन्न विभागों के माध्यम से संचालित कार्यों, स्वच्छता पखवाड़ा आदि की जानकारी ली गई l

बैठक में जिलाधिकारी ने जिला गंगा समिति के अधिकारियों से चर्चा करते हुए वर्तमान में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही जनपद के अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर नदियों में दूषित जल, अपशिष्ट कचरा तथा अन्य प्रकार की गंदगी प्रवाहित करने पर रोक लगाने के निर्देश सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिये।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को शवदाह ग्रहों पर प्रत्येक सप्ताह में निरंतर सफाई करने तथा स्थानीय व्यापार मंडल के सहयोग से स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी द्वारा जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देशित किया कि वह जनपद में संचालित होम स्टे, होटल आदि का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ एक निरीक्षण करना सुनिश्चित करें एवं निर्धारित मानकों के अनुरूप यदि वेस्ट डिस्पोज नहीं किया जा रहा है तो संबंधित को नोटिस देना सुनिश्चित करें। अधीक्षण अभियन्ता जल निगम पिथौरागढ़ द्वारा जिलाधिकारी को जनपद अंतर्गत STP व बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण हेतु की जा रही कार्यवाही से अवगत कराया गया।

जिलाधिकारी ने समस्त नगर निकाय,पंचायत,उप जिलाधिकारियो , जिला पंचायत एवं खण्ड विकास अधिकारिंयो को निरन्तर अपने-अपने क्षेत्रातर्गत साफ सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी ने आईटीबीपी एवं सीमा पुलिस बल के अधिकारियों से एसटीपी टैंक, वेस्ट डिस्पोजल मैनेजमेंट, कलवर्ट निर्माण के संबंध में जानकारी लेते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

SAARA परियोजना के अंतर्गत जल संरक्षण अभियान 2025 के संचालन/ क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि जनपद में जल उत्सव सप्ताह 1 जून से 15 जून तक मनाया जाएगा इसके अतिरिक्त दिनांक 15.05.2025 तक जनपद पिथौरागढ़ के द्वारा भगीरथ मोबाईल एप में 526 जल स्रोतों को ग्रामवासियों द्वारा अपलोड किया गया है, जिसमें से मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सारा, जलागम प्रबन्ध निदेशालय, देहरादून द्वारा 195 जल स्रोतों के जीर्णोद्धार हेतु लक्ष्य निर्धारित किये गये है। उक्त निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सारा निदेशालय देहरादून से प्राथमिकता के आधार पर 330 जल स्रोतों की सूची जनपद को प्रेषित की गयी है, जिसमे से 195 जल स्रोत का चयन उपचार हेतु किया जाना है। 330 जल स्रोतों की सूची एवं 195 जल स्रोतों के सापेक्ष लक्ष्य विकासखण्डों को प्रेषित किया जायेगा, जिसमें विकासखण्ड प्राथमिकता के आधार पर उपचार योजना तैयार करेंगे, उपचार हेतु शतप्रतिशत व्यय सारा द्वारा किया जायेगा । इस पर जिलाधिकारी द्वारा सभी खंड विकास अधिकारियों को इन 195 जल स्रोतों का स्वयं स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए तथा 20% जल स्रोतों पर संबंधित उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार को स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।

जिलाधिकारी ने जनपद पिथौरागढ़ के सूख रहे जल स्रोतों एवं वर्षा आधारित सहायक नदियों/धाराओं के उपचार हेतु जिला स्तरीय कार्यकारणी समिति सारा के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।

उन्होंने “SAARA” के सदस्य अधिकारियों को जल स्रोतों को पुनः रिचार्ज (जीवित) करने हेतु तथा जल संसाधनों के संरक्षण हेतु विशेष अभियान एवं सर्वे करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल संरक्षण एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने हेतु सभी प्रकार की आवश्यक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह मैसर कुंड व थामरी कुंड को पुनर्जीवित करने हेतु योजना तैयार करें एवं बिर्थी फॉल का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर जल धारा को रिचार्ज करने की योजना तैयार करें ।

जिलाधिकारी ने इस महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों से अनुपस्थित रहने पर संबंधित से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।

समीक्षा के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह, उप जिलाधिकारी सदर वैभव कांडपाल, अधीक्षण अभियन्ता जल निगम आर एस धरमस्कतु डीपीओ नमामि गंगे ज्योत्सना जोशी, आई टी बी पी ,एस एस बी, एवं ई.ओ, खंड विकास अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।

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