ऋषिकेश। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य, मार्गदर्शन और नेतृत्व में स्वर्गाश्रम, बाघखाला, राजाजी नेशनल पार्क एवं गंगा जी के तटों पर महास्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, राजाजी नेशनल पार्क के अधिकारीगण, एसडीएम श्री चतरसिंह चौहान जी, ईओ श्री दीपक शर्मा जी और अनेक देशी-विदेशी पर्यटकों ने स्वच्छता अभियान व रैली में सहभाग किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन से सभी को स्वच्छता को अपने व्यवहार, संस्कार व स्वभाव में लागू करने हेतु प्रेरित किया।
भारत के कर्मठ, कर्मयोगी, ऊर्जावान प्रधानमंत्री माननीय नरेेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस पर आयोजित स्वच्छता ही सेवा- 2024 ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ अभियान स्वच्छता के प्रति जनभागीदारी और सामूहिक प्रयासों को पुनर्जीवित करने हेतु एक उत्कृष्ट प्रयाास है। परमार्थ निकेतन में स्वच्छता अभियान, स्वच्छता शपथ व स्वच्छता संकल्प के माध्यम से इस अभियान का शंखनाद किया।
परमार्थ निकेतन में इस अभियान के तीन मुख्य स्तंभ – स्वच्छता लक्ष्य इकाइयाँ, स्वच्छता में जन भागीदारी, सफाई मित्र सुरक्षा शिविर की शुरूआत हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिवस की शुभकामनायें देते हुये कहा कि मोदी जी ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ अभियान के माध्यम से भारत को एक नया आकार प्रदान कर रहे हैं। मैं तो परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश गंगा तट पर देख रहा हूँ, आज से 10 वर्ष पहले जो स्वच्छता का दीप जला था वह महादीप बनकर प्रज्वलित हो रहा है। हम प्रतिदिन गंगा जी की आरती करते हैं और जिससे पूरे विश्व के श्रद्धालु आते व जुड़ते भी हैं, परन्तु जल की जो निर्मलता और स्वच्छता अब है उसका अनुभव यहां बैठकर अब सभी लोग कर रहे हैं, यह सब भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कर्मठता, नेतृत्व और सभी के सामूहिक प्रयासों से ही सम्भव हो रहा है।
स्वामी जी ने कहा कि अब हम सभी का एक ही मंत्र हो मेरा देश, मेरी शान, मेरा गांव मेरा तीर्थ और उसके लिये स्वच्छता ही सेवा, स्वच्छता ही धर्म, स्वच्छता ही पूजा है। स्वच्छता ही संस्कार और स्वच्छता ही हमारा स्वभाव बन जाये और ये यात्रा घर से गली की यात्रा हो; गली से गांव की यात्रा हो और मोहल्ले से मुल्क की यात्रा बन जाये।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक भी होनी चाहिए। स्वच्छता को स्वभाव और संस्कार का अंग बनाने पर ही हम एक स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं। स्वच्छता केवल एक दिन का कार्य नहीं है, यह एक निरंतर व प्रतिदिन करने वाली प्रक्रिया है। सभी को अपने स्वभाव और संस्कार में स्वच्छता को अपनाना होगा। स्वच्छता से ही हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।
परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने परमार्थ निकेतन से लेकर गंगा तट व राजाजी नेशनल पार्क तक एक विशाल स्वच्छता रैली निकाली। जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। रैली के दौरान स्वच्छता के महत्व पर जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न पोस्टर, बैनर और नारे लगाये गये। साथ ही बच्चों और युवाओं को स्वच्छता के महत्व और इसके पालन के विषय में भी जानकारी दी गई।
परमार्थ निकेतन माँ गंगा की आरती में स्वामी जी ने स्वच्छता शपथ सभी को दिलवायी तथा स्वच्छता का संकल्प भी करवाया। सभी उपस्थित लोगों ने स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लिया और इसे समाज में प्रसारित करने हेतु सभी को प्रेरित किया।
इस अवसर पर वन विभाग के अधिकार, कर्मचारीगण, स्वर्गाश्रम ट्रष्ट संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी, प्राचार्य, आचार्य संदीप शास्त्री, सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, अरूण सारस्वत, आचार्य दीपक शर्मा, राकेश रोशन, रामचन्द्र शाह, वर्षा शर्मा और टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने सहभाग किया।