*आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर को शीघ्र न्याय मिलने व देश की स्वास्थ्य सुविधाओं के सूचारू संचालन के लिये परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने निकाला कैंडल मार्च*

*पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि*

ऋषिकेश। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की आत्मा की शान्ति के लिये परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने की विशेष प्रार्थना व शान्तिपाठ किया। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर को शीघ्र न्याय मिले व उनकी आत्मा को शान्ति प्राप्त हो इस हेतु कैंडल मार्च निकाला तथा शान्ति पाठ कर जूनियर डाॅक्टर को श्रद्धाजंलि अर्पित की।  

आरजी कर मेडिकल काॅलेज में 8 व 9 अगस्त 2024 को जूनियर डाॅक्टर के साथ जो भी हुआ वह अत्यंत दर्दनाक था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है।

साथ ही इस घटना से हमें सचेत होना चाहिये कि नारी शक्ति के लिये उनके कार्यक्षेत्र यथा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, हास्टल, स्कूल और दफ्तर कितने सुरक्षित हैं। इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं की इन खामियों की ओर सब का ध्यान भी आकर्षित किया है। हमें नारियों की सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक और संवेदनशील होने की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान सुरक्षित हों और वहां काम करने वाले सभी लोग भी सुरक्षित महसूस करें।

हमें इस घटना से सबक लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए सरकार, प्रशासन, संगठन और समाज को मिलकर काम करना होगा और नारी शक्ति की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी।

परमार्थ परिवार ने पीड़िता के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुये कहा कि इस कठिन समय में पूरा देश उनके साथ खड़ा हैं। हम सभी से अपील करते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए एकजुट हों।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आरजी कर मेडिकल काॅलेज में जूनियर डाॅक्टर के साथ जो भी हुआ वह अत्यंत दर्दनाक है जिसने पूरे देश की आत्मा को हिला कर रख दिया। यह समय महिलाओं की सुरक्षा पर चिंतन का नहीं बल्कि एक्शन का है ताकि कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

स्वामी जी ने कहा कि अपनी सोच में परिवर्तन, विचारों में परिवर्तन, सामाजिक परिवर्तन व मानसिकता में परिवर्तन कर समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता की भावना को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। स्कूलों और कॉलेजों में लिंग समानता और महिलाओं के अधिकारों के बारे में शिक्षित करना आज की जरूरत है। सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे, पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था और पुलिस की गश्त बढ़ाना होगा साथ ही त्वरित न्याय अर्थात न्यायिक प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके तथा पीड़िता के जाने के बाद परिवार को इस दुःख की घड़ी में न्याय के लिये परेशानियों का सामना न करना पड़े।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि अटल जी, अटल थे, सबल थे और निर्बलों के बल थे, वे जिससे भी मिलते थे सहजता से उसके हृदय को छू लेते थे। अटल जी लोकसभा में हो या जन सभाओं में हो उनकी वाणी, उनकी विद्वता और उनकी नम्रता की त्रिवेणी समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को छू लेती थी।

अटल जी जाने से पहले हमें अपनी कविताओं की ऐसी रोशनी और जोश दे गये जो इस देश को सदियों तक रोशन और जागृत बनाये रखेगा। वे कुशल संगठन कर्ता थे; प्रखर प्रवक्ता थे और सफल राजनेता थे। कितनी भी जटिल से जटिल समस्यायंे हों या जटिल विषय हांे उनका कवि हृदय सहजता से उन्हें सुलझा लेता था। उनका जीवन स्वयं के लिये नहीं बल्कि नये भारत के सृजन के लिये ही था। उनकी कविताओं में देशभक्ति, राष्ट्र निष्ठा और देश के प्रति प्रेम ओतप्रोत है, वे हमारे बीच नहीं हैं परन्तु उनके विचार हमेशा जीवंत बने रहेंगे।

 

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