हरिद्वार। श्री गीता आश्रम में स्वामी स्वतंत्र आनंद सरस्वती जी महाराज संस्थापक आनंद आश्रम हरिद्वार की 51 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर आश्रम में रामचरितमानस पाठ, गीता पाठ, हवन एवं भजन कीर्तन के कार्यक्रम संपन्न हुए। उपस्थित महानुभावों ने स्वामी स्वतंत्रानंद जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें महान संत बताया और कहा कि संतों का जीवन परोपकार के लिए होता है।  संत दूसरे का दुख हरण करते हैं और मनसा वाचा कर्मणा से भगवत भक्ति में लीन रहते हैं। स्वामी जी महान कर्मयोगी थे और भारतीय संस्कृति के प्रचारक थे। उपस्थित महानुभावों में चंद्र मित्र शुक्ला, प्रमिला साह, ट्रस्टी अशोक शर्मा, त्रिभुवन उपाध्याय, पंडित उदय राम, प्रेम प्रसाद, नीरज शास्त्री, अखिलेश त्रिवेदी, गीता, चैतन्य नाथ बाबा आदि आश्रमवासियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन भानुमित्र शर्मा ने किया। ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. दीपक गुप्ता ने भी अपना संदेश भेजकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें महान संत बताया। कार्यक्रम के उपरांत भंडारा प्रसाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें अनेक साधु-संतों एवं भिक्षुओं ने भाग लिया।

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