ऋषिकेश। भारतीय क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर की धर्मपत्नी अंजलि तेंदुलकर और उनकी सुपुत्री सारा तेंदुलकर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश पधारीं। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।
अंजलि तेंदुलकर और सारा तेंदुलकर ने परमार्थ निकेतन के दिव्य, पावन और शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन दुनिया का सबसे शांतिप्रिय और आनंददायक स्थान है। यहां की दिव्यता और आध्यात्मिकता का अनुभव अविस्मरणीय है।
तेंदुलकर परिवार ने विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में सहभाग लिया। अंजलि तेंदुलकर ने गंगा आरती के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, यह एक अद्भुत अनुभव था। गंगा माँ की आरती में शामिल होकर आत्मा को शांति और शुद्धि मिलती है। इस दिव्य आरती में सहभाग कर मैं धन्य महसूस कर रही हूँ।
अंजलि और सारा तेंदुलकर ने स्वामी चिदानंद सरस्वती जी की विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा हुई। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के समाधानों पर विशेष चर्चा की। उन्होंने स्वामी जी से परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की और उन योजनाओं की भूरि-भूरि सराहना की।
परमार्थ निकेतन हमेशा से ही आध्यात्मिकता और सामाजिक सेवा के कार्यों में अग्रणी रहा है। यहां विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जो वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिकता और संस्कृति के प्रसार-प्रचार हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गंगा आरती, योग और ध्यान शिविर, पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम, और समाजसेवा की विभिन्न पहल परमार्थ निकेतन की विशिष्ट पहचान हैं।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने तेंदुलकर परिवार को परमार्थ निकेतन के पर्यावरणीय पहल और गंगा स्वच्छता अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का उद्देश्य केवल आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार करना नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के कार्यों में भी योगदान देना है।
स्वामी जी ने कहा, ’गंगा हमारी माता है, और गंगा संरक्षण हमारा कर्तव्य है। हम सभी को मिलकर गंगा सहित अन्य नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिए। सचिन जी जैसे महान व्यक्तित्व हमारे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे और पर्यावरण संरक्षण हेतु भी उनकी भूमिका अद्भुत हो सकती हैं। हमें मिलकर समाज और पर्यावरण की सेवा के लिए प्रयास करने होंगे ताकि आगे आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ वायु व शुद्ध जल प्राप्त हो सके।
अंजलि तेंदुलकर ने कहा, परमार्थ निकेतन में आकर मुझे अत्यंत शांति और संतोष मिला। स्वामी जी के विचार और उनके कार्य हमें प्रेरित करते हैं कि हम भी समाज और पर्यावरण के लिए कुछ करें। यहां की दिव्यता और आध्यात्मिकता ने मुझे बहुत प्रभावित किया। परमार्थ निकेतन का यह अनुभव मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगा। इस अद्वितीय स्थान की दिव्यता और शांति ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है और हम भविष्य में भी यहां आना चाहते है।
वास्तव में यह एक प्रेरणादायक और स्मरणीय अनुभव है जिसने हमें आध्यात्मिकता, पर्यावरण संरक्षण, और समाज सेवा के महत्व का गहरा एहसास कराया और यहां पर हमने उस एहसास के दर्शन भी किये।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने तेंदुलकर परिवार को महाकुम्भ प्रयागराज में सहभाग हेतु आमंत्रित किया।

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