हरिद्वार। धर्म नगरी हरिद्वार में मा गंगा के तट पर सोमवार को तीर्थ पुरोहितों के द्वारा श्रावणी उपाकर्म का पर्व हिमाद्रि संकल्प के साथ गंगा स्नान कर मनाया गया। इस अवसर पर तीर्थ पुरोहितो ने धार्मिक कार्यों में प्रयुक्त होने वाले जनेऊ यज्ञोपवीतों एवं रक्षा सूत्रों को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अभिमंत्रित कर वर्ष भर के लिए उन्हे अभिसिंचित किया।      यह अभिमंत्रित रक्षा सूत्र अब वर्ष पर्यंत ब्राह्मणों एवं उनके यजमानो की कलाई पर बंधकर उनकी रक्षा का कार्य करेंगे। सोमवार को श्रावण पूर्णिमा तिथि पर श्रावणी उपाकर्म पूजा का आयोजन हर की पौड़ी कुशा घाट सहित कनखल के कई घाटों किया गया। जिसमें सैकड़ो तीर्थ पुरोहितों एवं ब्राह्मणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसी कड़ी में श्री दक्षेश्वर महादेव के सानिध्य में शीतला माता घाट कनखल में श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया गया। श्रावणी पूजा आचार्य पंडित करुणेश मिश्रा के द्वारा संपन्न कराई गई, जिसमें तीर्थ पुरोहितों ने गंगा स्नान करते हुए श्रावणी उपाकर्म के तहत ( ज्ञात अज्ञात किए गए पापों के प्रायश्चित के अनुष्ठान ) में अनेक विप्र साधकों ने भाग लिया। पूर्ण वैदिक विधान के साथ हेमाद्रि संकल्प व दशविधि स्नान भस्म मृतिका गोमय पंचगव्य गोरज धान्य कुशोदक आदि के बाद पितरों व ऋषियों का तर्पण आवाहन व पूजन किया गया। तदुपरांत विस्तृत देव पूजन सप्त ऋषि पूजन कर रक्षा सूत्रों व यज्ञोपवीतों का विधिवत्त संधान किया गया। वहीं हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर तीर्थ पुरोहितों की प्रमुख संस्था श्री गंगा सभा के तत्वाधान में परंपरा अनुसार श्रावणी पूजा का आयोजन हुआ। श्रावणी पूजा करने वालों में गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, उपसभापति यतीन्द्र सिखौला, स्वागत मंत्री डॉ सिद्धार्थ चक्रपाणि, प्रचार मंत्री गोपाल प्रधान, घाट व्यवस्था सचिव वीरेंद्र कौशिक, प्रचार सचिव शैलेश गौतम, गंगा सेवक दल सचिव उज्ज्वल पंडित, भूपेंद्र पटवर, अमित झा, विशाल सिखोंला, शोभित खेड़े वाले, दीपांकर चक्रपाणि, शिवांकर चक्रपाणि, विकास, सुखन राजा, डॉक्टर प्रशांत पालीवाल, बदल वशिष्ठ, सुरभित ख्यालीके, आदि अनेक तीर्थ पुरोहित उपस्थित रहे। इस मौके पर आचार्य अमित शास्त्री एवं विभोर बेगमपुरिया ने श्रावणी यज्ञोपवीत रक्षा सूत्र पूजन एवं स्नान तर्पण संपन्न कराया। वहीं दूसरी और कुशा घाट में भी श्रावणी पूजा आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ो तीर्थ पुरोहितों ने हेमाद्रि संकल्प के साथ गंगा स्नान कर पूजा पाठ करते हुए यज्ञोपवीतों एवं रक्षा सूत्रों का संधान किया। श्रावणी पूजा आचार्य पं. हरि ओम जयवाल के द्वारा संपन्न कराई गई। वही हनुमान घाट पर सत्संग गंगा परिवार द्वारा श्रावणी उपाकर्म पंडित वासु मिश्रा के द्वारा विधि-विधान के अनुसार कराया गया। कई घंटे तक चले वैदिक मंत्रोच्चार हिमाद्री संकल्प स्नान तर्पण के बाद पुरोहितों ने सामूहिक पूजा-पाठ कर रक्षा सूत्रों एवं यज्ञोपवीतो का संधान किया।

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