-विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग
-यमुना स्वच्छता की पहल हेतु श्रीमती रेखा गुप्ता जी का परमार्थ निकेतन में अभिनन्दन
-ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स, वर्ल्ड मिल्क डे व वर्ल्ड रीफ अवेयरनेस डे पर परमार्थ निकेतन में पर्यावरण, पोषण, परंपराओं के संरक्षण का दिया संदेश
-दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी एवं उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री श्री धनसिंह रावत जी को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर स्वामी जी ने हरित विकास का दिया संदेश
-दिल्ली सरकार के 100 दिनों की उल्लेखनीय उपलब्धियों हेतु माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी का हार्दिक अभिनंदन
ऋषिकेश। रविवार को परमार्थ निकेतन में प्रेरणा, श्रद्धा और सेवा का अनुपम संगम हुआ। दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी एवं उत्तराखंड के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री श्री धनसिंह रावत जी का परमार्थ निकेतन में आगमन हुआ।स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी ने यमुना पुनरुद्धार की दिशा में महाअभियान का आह्वान करते हुये कहा कि अब यमुना की बारी और इस विषय पर विशद् चर्चा हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, जो वर्षों से गंगा, यमुना और अन्य नदियों के संरक्षण हेतु कार्य कर रहे हैं, ने यमुना को करुण पुकार करती जीवनदायिनी नदी कहते हुए आह्वान किया कि अब समय है कि हम यमुना जी को श्रद्धा, संरक्षण और सक्रिय भागीदारी के साथ अपनाएं। यमुना केवल दिल्ली की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर है।
स्वामी जी ने कहा कि यमुना जी एक जीवनधारा है परन्तु अब वह संघर्षधारा में बदल रही है। यमुना जी तो श्रीकृष्ण जी की बाल लीलाओं की साक्षी रही है, आज प्रदूषण और प्लास्टिक के कारण संकट में है।दिल्ली, मथुरा, आगरा जैसे बड़े शहरों की अनियोजित जल निकासी, औद्योगिक कचरा और सिंगल यूज प्लास्टिक ने इसे गंभीर रूप से प्रदूषित कर दिया है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि यमुना जी केवल एक नदी नहीं, वह संस्कृति की वाहक, आध्यात्मिक ऊर्जा की दायिनी और भावनाओं की धारा है। उसकी रक्षा केवल पर्यावरणीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का आधार भी है।
यदि माँ गंगा हमारी चेतना है तो यमुना जी हमारी भावना है। चेतना और भावना के बिना जीवन संभव नहीं इसलिए अब यमुना के लिए आवाज उठाना, सेवा करना और समाधान देना अनिवार्य हो गया है।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी ने कहा कि दिल्ली में यमुना की स्थिति गंभीर है, और दिल्ली सरकार इसे लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। परमार्थ निकेतन जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर जनचेतना को जनांदोलन में बदलना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक हम यमुना को माँ नहीं मानेंगे, तब तक हम उसकी रक्षा नहीं कर पाएँगे। श्रद्धा और सेवा का संगम ही समाधान है।
श्री धनसिंह रावत जी ने कहा कि मां गंगा और मां यमुना हमारी सभ्यता की आत्मा हैं। उत्तराखंड में हमने नदियों को साफ रखने हेतु अनेक योजनाएँ शुरू की हैं, ताकि दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक यमुना जी स्वच्छ व निर्मल होकर पहुँचेे। समाज, संत और सरकार जब मिलकर आगे बढ़ते हैं, तब परिवर्तन निश्चित होता है।
यमुना जी, जल की धारा नहीं, हमारे संस्कारों की धारा है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी जैसे संतों के नेतृत्व में यह अभियान जन-आंदोलन बनेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी और श्री धन सिंह श्री रावत जी को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया, जो हरित विकास, पर्यावरण संरक्षण और नदियों की पुनरुद्धार प्रक्रिया का प्रतीक है।यह पौधा यमुना स्वच्छता के लिए व्यक्तिगत और सामाजिक संकल्प का भी प्रतिनिधित्व है।
स्वामी जी ने कहा कि एक वृक्ष सौ पीढ़ियों की रक्षा करता है और रूद्राक्ष का रोपण केवल पर्यावरणीय कार्य नहीं, एक आध्यात्मिक संकल्प है इसलिये आइये पौधे लगाये और पीढ़ियों को बचाये।