पिथौरागढ़।*जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विभागों तथा बैंकर्स के बीच समन्वय जरूरी- जिलाधिकारी*

जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आज जिला स्तरीय पुनरीक्षण समन्वय समिति (डीएलआरसी) और आरसेटी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने बैंकों द्वारा लगाए गए वित्तीय साक्षरता शिविर, डिजिटल बैंकिंग, सीडी रेश्यो, बैंकिंग सुविधाओं के साथ ही सरकार द्वारा प्रायोजित स्वरोजगार में ऋण आवंटित करने संबंधी जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्य प्रगति में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैंक एवं संबंधित विभागो के अधिकारी आपस में समन्वय बनाते हुए प्राप्त आवेदनों को लंबित न रखते हुए समय पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि पिथौरागढ़ में स्वरोजगार हेतु विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं, यहां बड़े शहरों की भांति दैनिक उपभोग की जाने वाली वस्तुओं को उपलब्ध करने हेतु मोबाइल ऐप की कमी है, इसलिए युवा इस क्षेत्र में कार्य कर स्वरोजगार शुरू कर सकते है, उन्होंने हाल ही में सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित आईआईएम काशीपुर के साथ स्टार्टअप बूट कैंप में छात्रों को स्वरोजगार हेतु दिए गए स्टार्टअप आईडियाज के बारे में भी बैंकर्स के साथ चर्चा की, उन्होंने कहा कि जनपद में पर्यटन, कंस्ट्रक्शन, आधुनिक शिक्षा हेतु स्मार्ट क्लासेस, मत्स्य पालन, होटल व होम स्टे, कृषि, सड़क निर्माण आदि क्षेत्र में स्वरोजगार के अपार अवसर है, इस संबंध में उन्होंने बैंकर्स से अनुरोध किया कि वह जनपद के युवाओं को स्वरोजगार अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कंसलटेंसी, सेमिनार व बूट कैंप आयोजित करें, जिससे पिथौरागढ़ में युवा स्वरोजगार अपनाने को प्रेरित हो पाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किसानों को फसल बीमा ऋण लेने हेतु प्रेरित करें।

जिलाधिकारी ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को गोट वैली योजना के बारे में बैंकर्स को जानकारी देने को भी कहा, तथा संबंधित अधिकारियों ने बैंकर्स को आईटीबीपी और क्षेत्रीय पशुपालकों को सहयोग प्रदान करने हेतु शुरू की गई योजना के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि इस योजना के अर्न्तगत पिथौरागढ़ जिले में आईटीबीपी को ताजा, उच्च गुणवत्ता वाली पोल्ट्री एवं MOH (goat meat or sheep meat) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इस योजना में सहकारी समितियां और किसान उत्पादक संगठन आईटीबीपी को खाद्य पदार्थ की आपूर्ति में शामिल है। जिलाधिकारी ने सभी बैंकर्स से अनुरोध किया कि इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों को केंद्र में लाकर ऋण दिया जाए।

इसके साथ ही आरसेटी के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने बैंकों की वार्षिक ऋण योजना की प्रगति की जानकारी लेते हुए डाटा मिलान व विश्लेषण किया। जिन बैंकों का सीडी रेश्यो कम है। उन्हें कार्य योजना बनाकर ऋण जमा अनुपात में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन,प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो), वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की गहनता के साथ समीक्षा करते हुए कहा कि यह योजनाऐं सरकार की महत्वपूर्ण योजनाऐं है तथा जिन बैंकों में महत्वपूर्ण योजनाओं के सापेक्ष ऋण स्वीकृति लंबित है वह तत्काल ही उसको पूरा करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि सभी बैंक अनटच्ड सेक्टर को केंद्र बिंदु बनाकर लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कृषि विभाग, उद्योग विभाग ,पर्यटन विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों की योजनाओं का अपने-अपने स्तर से प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।

आरसेटी के प्रशिक्षण कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद के इच्छुक व्यक्तियो को रोजगार से सम्बन्धित कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि लोग इन कार्यों में दक्ष होकर स्वरोजगार अपना सकें।

बैठक में एजीएम आर.बी.आई परमदीप सिंह, जिला लीड बैंक अधिकारी एन. आर. जोहरी, डायरेक्टर एसबीआई आरसेटी गजेंद्र सिंह, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कविता भगत, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्य, सहायक निदेशक मत्स्य रमेश चलाल के अतिरिक्त संबंधित बैंकर्स एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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