पिथौरागढ। मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन राधा रतूड़ी द्वारा सचिवालय स्थित सभागार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों के साथ राज्य आपदा मोचन निधि एवम् राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के प्रस्तावों पर अनुमोदन हेतु राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई। वीसी के माध्यम से मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि के कारण जो भी नालियां आदि बंद पड़े हैं जिस कारण सड़कों पर पानी एकत्रित हो रहा हैं उसके समाधान हेतु तत्काल कार्यवाही करे। जिस पर मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों पर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी द्वारा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्य सचिव द्वारा दिए सभी निर्देशों को अमल में लाते हुए आपदा प्रबंधन एवं पुनर्निर्माण का कार्य करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी से विगत वर्षों में आपदा के तहत किए कार्यों की जानकारी ली गई, उन्होंने कहा कि आपदा एवम् पुनर्वास के तहत जो प्रस्ताव प्राप्त हुए है प्राप्त प्रस्तावों पर चर्चा विमर्श किए जाने हेतु एक बैठक आहूत करना सुनिश्चित करे।

इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने आपदा में रेस्क्यू हेलीकॉप्टर के विगत वर्षो के पुराने देयको के भुगतान किए जाने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद पिथौरागढ़ आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है इसलिए कोई भी अधिकारी बिना उनकी अनुमति के मानसून काल में जनपद मुख्यालय नही छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्राय:देखने में आ रहा हैं कि जनपदस्तरीय अधिकारी बिना उनकी अनुमति के ही मुख्यालय छोड़कर चले जा रहे है, जबकि पूर्व में भी इस हेतु आदेश जारी किए जा चुके हैं। उक्त संबंध में जिलाधिकारी ने अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून काल के दौरान अगर कोई अधिकारी बिना उनकी अनुमति के जनपद मुख्यालय छोड़ता हुआ पाया जाता है तो सम्बन्धित के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

वीसी में जनपद पिथौरागढ़ से सीडीओ डॉ0 दीपक सैनी, एडीएम डॉ0 शिवकुमार बरनवाल, अधिशाषी अभियंता जल निगम आरएस धर्मसक्तु, जल संस्थान सुरेश जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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