अत्याधिक दोहन से ही तो निकल रही है धरती की चीख, निरंतर बढ़ रहा है धरती का बुखार

ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की विश्वव्यापी समस्या का समाधान है हरियाली बढ़ाना

जहरीले रसायनों ने बना दिया है धरती को बंजर

हरिद्वार। धार्मिक नगरी हरिद्वार मैं मां गंगा के साथ धरती माता का भी पूजन कर विश्व पृथ्वी दिवस के विशेष अवसर पर महा पर्व मनाये जाने की शुरुआत हुई। ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया उत्तराखंड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं एकम्स ने संयुक्त रूप से विश्व पृथ्वी दिवस पर भव्य आयोजन किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के रूप में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर सोमदेव शतांशु शामिल हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन में धरती माता को पूजनीय बताते हुए इसकी रक्षा करने का बड़ा दायित्व खुद को निभाने का संकल्प दिलाया।    उन्होंने आगे कहा कि हमारे शास्त्रों में धरती को मां का दर्जा दिया गया है लेकिन आज के समय में धरती के साथ मानवीय हस्तक्षेप होने के कारण अत्याधिक दोहन किया जा रहा है व धरती माता का बुखार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसके गंभीर परिणाम होंगे, हमें आज ही सचेत हो जाना है और धरती की रक्षा करने के आयाम स्थापित करने हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में पधारे हरितऋषि विजयपाल बघेल (ग्रीनमैन ऑफ इंडिया) ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम आज नहीं चेते तो कल बहुत देर हो जाएगी। हमारी आगे आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी क्योंकि धरती मैं जहरीले रसायनों के माध्यम से उसकी उर्वरा शक्ति खत्म हो गई है। मृदा प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि धरती कुछ पैदा करने में असफल हो रही है, इसके बुखार को ठीक करने का एकमात्र तरीका इसकी ऊपरी सतह को हरियाली से ढका जाए ताकि धरती के तापमान में कमी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता हमारे देश के द्वारा होना एक सौभाग्य की बात है, इस अवसर को हमें दुनिया के ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या के निदान हेतु प्रयास करना चाहिए। एसडीजी गोल भी इस गंभीर होती समस्या का निदान कर सकते हैं, जिनका हमें सही से अनुसरण करने की परंपरा बना लेनी है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बलदाऊ देवांगन ने शांतिकुंज परिवार द्वारा किए जा रहे प्रकृति बचाने के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की और सभी को प्रकृति प्रेमी बनने का आह्वान किया।

विश्व पृथ्वी दिवस के समारोह को संबोधित करते हुए एकम्स के स्वामी संदीप जैन ने कहा के धरती हमारी माता है लेकिन आधुनिक काल में धरती के साथ मानवीय व्यवहार ठीक नहीं हो रहा है, जिसमें सुधार करने की जरूरत है ताकि पूरे जीव जगत का अस्तित्व बचा रहे। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी चंदन सिंह रावत ने पृथ्वी दिवस के संबंध में विस्तार से चर्चा की उन्होंने कहा कि 1970 से हम प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाते हैं जो पूरी दुनिया पृथ्वी के संरक्षण के प्रति विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम के साथ योजनाओं का संचालन करती है। भारत सरकार और उत्तराखण्ड प्रदेश सरकार भी इसके प्रति सजग है जो पर्यावरण बचाने के लिए जरूरी है वो सारे कार्य किए जा रहे है। सिडकुल इंडस्ट्रीयल एरिया एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग, जगदीश लाल पाहवा, अजय जैन आदि ने भी अपने विचार रखे। समारोह की अध्यक्षता कर रहे पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने तो पृथ्वी के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक पहलुओं पर दृष्टि डालते हुए कहा के प्रकृति की जो संरचना है उसके सारे अवयव अपने आप में परिपूर्ण हैं उनके साथ छेड़छाड़ करना ही पर्यावरण असंतुलन का कारण बनता है और वह प्राकृतिक आपदाओं का रूप धारण कर लेती है।

समारोह में देश की जानी मानी 5 महान नारियों का को ‘अर्थ स्टार अवॉर्ड’ प्रदान किया गया, जिन देवियों ने उत्कृष्ट सेवा देकर प्रकृति की रक्षा की है ऐसी राजस्थान से भंवरी विश्नोई, महाराष्ट्र से नीता लांडे, दिल्ली से मोहनजीत कौर, उत्तर प्रदेश से लक्ष्मी त्यागी तथा उत्तराखंड से पदमश्री बसंती देवी को यह सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ रुद्राक्ष का पौधा रोप करके किया गया, सभी अतिथियों का सम्मान प्रतीकचिन्ह, शॉल तथा तुलसी के पौधे द्वारा सम्मानित किया गया तदुपरांत दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को गति प्रदान की गई। जिस का संचालन कंचन प्रभा गौतम तथा अरुण कुमार पाठक ने किया। कार्यक्रम में शामिल होने वालों में मुख्यतः हरिद्वार के औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कई औद्योगिक इकाइयों के संगठनों ने भी हिस्सा लेकर समारोह को सफल बनाया। कार्यक्रम में मुख्यत शामिल होने वालों में रंजीत सिंह, विनोद मित्तल, कुलदीप खंडेलवाल, राहुल पाल, राजीव योगी, राकेश अरोड़ा, विनय कुमार निवेश, दुर्वेश बघेल, रितेश खंडेलवाल, राकेश कुमार त्यागी, डॉ सुशील कुमार त्यागी, केडी शर्मा, गार्गी अनेजा आदि सहित लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा के लोग शामिल रहे।

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