हरिद्वार। इंडियन रेड क्रॉस के तत्वाधान में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर संगोष्ठी आयोजित कर वृक्षारोपण किया गया। साथ ही साथ बच्चों को वृक्षारोपण एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए पौधे भी वितरित किए, जिससे नई पीढ़ी पर्यावरण के लिए विशेष रूप से प्रेरित होकर ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें और उसके वृक्ष बनने तक अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की तरह देखभाल करें। और संपूर्ण समाज को संदेश पहुंचाए कि वर्तमान परिपेक्ष में पर्यावरण को कैसे नष्ट होने से बचाना है।
संगोष्ठी में इंडियन रेड क्रॉस सचिव डॉ नरेश चौधरी ने कहा कि प्रकृति ने समस्त जीवों की उत्पत्ति एक ही सिद्धांत के तहत की है वह समस्त चर अचर जीवो के अस्तित्व को एक दूसरे से जुड़ा हुआ है लेकिन मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा न मानकर उनको अपनी आवश्यकता अनुसार प्रकृति के रूप को पूरी तरह बिगाड़ दिया, जिसका संपूर्ण असर पर्यावरण पर दिख रहा है। अतः हम सभी का कर्तव्य है कि प्रदूषण रोकने के हर संभव प्रयास करने होंगे।विकास के लिए प्रकृति के विनाश को रोकना होगा। पेड़, नदी, तालाब, भूमि, जल, जंगल और जीव-जंतु प्रजातियों को बचाना होगा। डॉ नरेश चौधरी ने विशेष रूप से कोरोना काल में उपजे सवालों का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना के कारण बदली हुई परिस्थितियों ने मानव को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति नए सिरे से सोचने पर विवश किया है, कहीं वैश्विक महामारी कोरोना भी मानव की किसी भूल का परिणाम तो नहीं? इसके कारण हुए लॉकडाउन के दौरान स्वच्छ हवा और जल क्या यह संदेश नहीं देते कि पर्यावरण को शुद्ध रखा जा सकता है।
कोरोना ने पर्यावरण के प्रति इंसान को अपने विकास के लिए विनाश नहीं करने की चेतावनी दी है जिससे हमें सबक लेकर संपूर्ण मानव जगत को जागरूक करना है। संगोष्ठी में डॉ. प्रमोद कुमार कपूर, डॉ. उर्मिला पांडे, विकास, पूनम, डॉ. भावना, डॉ. आराधना, डॉ. वैशाली, डॉ. वर्षा, डॉ. हेमलता, डॉ. आकांक्षा, डॉ. चारूल सैनी, डॉ. दीपिका, डॉ. रेनू, डॉ.आकांक्षा कैंतूरा ने भी पर्यावरण को शुद्ध रखने, प्रदूषण के बचाव पर अपने अपने व्याख्यान दिए। अवधूत मंडल प्रांगण एवं ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में औषध पौधों का रोपण किया तथा बच्चों को पौधे वितरित भी किए गए।