भविष्य सुरक्षित रखने के लिए संस्कार,पर्यवारण व कुटुम्भ प्रबोधन आवश्यक : भैयाजी जोशी

-संघ शताब्दी वर्ष के तहत सन्त गोष्टी कार्यक्रम आयोजित

हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष के तहत आयोजित कार्यक्रम में संघ के पूर्व सरकार्यवाह

सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि मूल्य के रक्षक की जरूरत हम सबके सामने है। आज चारित्रिक पतन है जो भोगवाद की तरफ जा रहा है। हमें प्रयास करना होगा कि सही दिशा में उत्थान के मार्ग पर चलने के लिए ऊर्जा और आशीर्वाद दोनों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि हम प्रकृति को देवता मानते हैं। उसके निर्माण के संदर्भ में जब हम विचार करते हैं तब हम कहते हैं कि किसी के मृत्यु के बाद जहां से आए थे वहां चले गए। इसका तत्वों के प्रति मन, बुद्धि के अंदर संरक्षण मतलब है कि जो निर्मित है वह पांच संवर्धन का भाव रहे। वरिष्ठ प्रचारक भैयाजी ने संतो का आह्वान करते हुए कहा कि कुछ विधर्मी जबरन धर्मांतरण करा रहे है। ताकत के बल पर पूरे विश्व मे एकाधिकार जमाने की होड़ चल रही है। ऐसे में हमे हिंदुत्व की रक्षा के लिए संस्कार,पर्यावरण व कुटुंब प्रबोधन का चिंतन जन जन तक ले जाना होगा।

कनखल स्थित कपिल वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) न राजनीतिक संगठन है न सामाजिक संगठन है और न कोई संस्था है। संघ एक अनुपमीय सनातन परिवार है। इसे स्पष्ट रूप से समझते हुए ही कोई अवधारणा रखनी चाहिए।

जो लोग संघ को राजनीतिक मानते हैं वह इसके बारे में नहीं जानते हैं। अवधारणा को बदलने के लिए संघ में जाना पड़ेगा।

योग ऋषि बाबा रामदेव ने कहा कि आज पूरे विश्व मे छोटे छोटे देश अपने आत्मबल पर टीके है,हम भारतीय इसमे काफी पीछे है। हम सब को राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पणभाव से आत्म चिंतन करना होगा। तभी राष्ट्र सशक्त होगा।

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द मुनि,महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. हरिचेतनानंद,महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश,स्वामी प्रबोधनानन्द, स्वामी राम मुनि,स्वामी रविदेव,स्वामी लोकेश दास, स्वामी ऋषिश्वरानंद,बाबा हठयोगी,स्वामी रामविशाल,स्वामी कृष्णा नन्द, साध्वी मैत्री गिरी, साध्वी प्राची समेत कई अन्य शीर्ष संत शामिल हुए।

इस मौके पर आरएसएस के सह क्षेत्र संर्पक प्रमुख डॉ.हरीशजी,प्रान्त प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र,प्रान्त संर्पक प्रमुख सीए अनिल वर्मा,प्रान्त सामाजिक सदभाव प्रमुख रमेशजी, जिला संचालक डॉ. यतीन्द्र नाग्यान सहित कई प्रमुख स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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