देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को राजभवन देहरादून से गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर के 113वें अखिल भारतीय किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी को वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के पुस्तिका ‘‘मिलेट्सः खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में महत्व’’ का विमोचन भी किया। राज्यपाल ने किसान मेले एवं प्रदर्शनी में आयी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से वर्चुअली संवाद भी किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि के क्षेत्र में एक और क्रांति अग्रदूत बने जिससे उत्तराखण्ड के साथ-साथ देश के हर किसान की आय में वृद्धि हो और वह खुशहाल और समृद्ध बनें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के समय से ही कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में भी बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जलवायु विभिन्न प्रकार के औषधीय एवं सगंधीय पौधों सहित अन्य फसलों के लिए अत्यन्त अनुकूल है। इनके उत्पादन से छोटे एवं मध्यम किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास विकल्प काफी है बस हमें संकल्प लेने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि की दृष्टि से यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण है, संयुक्त राष्ट्र की ओर से यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया है। मिलेट्स जिन्हें हम मोटे अनाज के रूप में जानते हैं हमारे देश की प्रमुख फसलें हैं, इसे अब श्री अन्न के रूप में एक महत्व दिया गया है। श्री अन्न को न केवल हमारे छोटे किसानों के लाभ के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा, बल्कि इसलिये भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि इस सेक्टर में स्टार्ट-अप्स के विकास की संभावनायें भी बढ़ें। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय इस दिशा में देश और प्रदेश का मार्गदर्शन करे।
राज्यपाल ने कहा कि आज हमारा देश अनाज का निर्यात करने में सक्षम बनकर अनेक प्रकार के कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहा है। हम देख रहे हैं कि सरकारों की ओर से कृषि सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं, ताकि राष्ट्र ‘आत्मनिर्भर’ बन सके तथा आयात के लिए इस्तेमाल होने वाला धन किसानों तक पहुंच सके। आज का भारत एक युवा भारत है, इसलिए हमें कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ानी है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि आप सभी अपने नवाचारों के बारे में सरकार और किसान के बीच एक सेतु का काम करे। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से विकसित तकनीक को दूरस्थ अंचलों के अंतिम स्तर पर बैठे किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। यह केंद्र लगातार कई किसानों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और प्रशिक्षण, फ्रंट लाइन प्रदर्शनों और अन्य विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि पंतनगर विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड के किसानों, विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें कृषि से जोड़े रखने तथा राज्य की विशेषताओं एवं आवश्यकताओं के अनुरूप शोध एवं प्रसार कर पलायन को रोकने में सक्रिय भूमिका निभायेगा।

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