ऋषिकेश। स्वर्ग आश्रम स्थित श्री गीता आश्रम में ट्रस्ट के तत्वावधान में आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी वेद व्यास आनंद सरस्वती का 32वां निर्वाण दिवस श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर श्री गीता आश्रम में अखंड रामचरितमानस पाठ, गीता, गायत्री यज्ञ, भजन-कीर्तन के कार्यक्रम संपन्न हुए।   श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए परमार्थ निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी असंग आनंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी जी गीता के महान प्रचारक थे। देश विदेश में गीता का प्रचार-प्रसार उन्होंने किया। गीता प्रचार के लिए उन्होंने गीता आश्रम की स्थापना की। भारत माता मंदिर हरिद्वार के महंत एवं महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी महान कर्मयोगी तपस्वी एवं सड़क संत थे। उन्होंने अनेक ख्याति प्राप्त संतों का मार्गदर्शन किया। श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले अन्य विशिष्ट महानुभावों में स्वामी सर्वात्मानंद सरस्वती, स्वामी जगदीश आनंद, महंत कन्हैया दास, ऋषिकेश नगर निगम की निवर्तमान महापौर श्रीमती अनीता ममगाई, भागवत प्रवक्ता कमलेश चकोरी ताऊजी, पंडित दिव्यानंद शास्त्री, इंद्र प्रकाश अग्रवाल, समाजसेवी राजकुमार राजू, शकुंतला राजपूत जी, माधव अग्रवाल, गीता भवन प्रबंधक गौतम जी, महामंडलेश्वर स्वामी दिव्या भारती, स्वामी निरंजन योगाचार्य, विष्णु पाणिग्रही योगी, चेतन धवन, कृष्णधार मिश्रा, अरविंद नेगी, अश्विनी गुप्ता, राजनरेश शर्मा, गिरीश शुक्ला, प्रमिला शाह, डॉक्टर महेंद्र अग्रवाल, चंद्र मित्र शुक्ला, त्रिभुवन उपाध्याय, प्रेम प्रसाद, पंडित उदय राम, नीरज शास्त्री, शिवकुमार चतुर्वेदी, रामकुमार तिवारी आदि साधक संत एवं आश्रम के कार्यकर्ता गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन भानुमित्र शर्मा ने किया। ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. दीपक गुप्ता ने आगंतुक सभी महापुरुषों का आभार व्यक्त किया और कहा कि गुरुदेव हमारे प्रेरणा स्वरूप हैं। उनका आशीर्वाद संतो के दर्शन के रूप में सदैव प्राप्त होता रहा है। विशेष रूप से महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास जी, महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी ने भी पधारकर अपना आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम के उपरांत विशाल भंडारा संपन्न हुआ।

 

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