हरिद्वार। ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रातः काल 6.00 बजे से 8 बजे तक श्री महाकालेश्वर महादेव मंदिर प्रज्ञाकुञ्ज जगजीतपुर आश्रम में निःशुल्क योग शिविर लगाया गया, जिसमें योग प्रशिक्षक, प्रशिक्षणार्थी तथा स्थानीय लोगों की उत्साहवर्धक उपस्थिति रही।
सर्व प्रथम योग शिविर का उद्घाटन शिवडेल स्कूल के संस्थापक स्वामी शरद पुरी तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार के कर कमलों से दीप प्रज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार जी द्वारा योग की महत्ता पर प्रकाश डाला गया।
योग शिक्षक सतेन्द्र कुमार ने मधुमेह, थायरॉइड, हृदय रोग, रक्तचाप, मोटापा, सिर दर्द, माइग्रेन, सर्वाइकल तथा पाचन संस्थान के विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए प्रज्ञायोग व्यायाम कराया। योगाचार्य बृजेन्द्र रघुवंशी ने प्रज्ञायोग व्यायाम की महत्ता बतलाते हुए कहा कि अंग संचालन के साथ श्वास-प्रश्वास का ऐसा समावेश किया गया है कि निरोग रहने के लिए अन्य किसी व्यायाम की आवश्यकता नहीं रहती है। उन्होंने भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, बाह्य, उज्जायी, भ्रामरी, उद्गीथ, शीतली, सीत्कारी, चन्द्रवेधी, सूर्यवेधी, कर्णशोधन तथा नाड़ी शोधन प्राणायामों के द्वारा विभिन्न रोगों से छुटकारा पाने के लिए भी अभ्यास कराया।
इस अवसर पर स्वामी शरद पुरी जी ने उपस्थित योगानुरागियों को सम्बोधित करते हुए शरीर को भगवान का मंदिर बतलाता और कहा कि शरीर रूपी मंदिर की सफाई हमें नित्य योगाभ्यास रूपी झाड़ू से करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 2012 में श्री गणेश गायत्री परिवार ट्रस्ट, प्रज्ञाकुंज के संस्थापक जितेन्द्र रघुवंशी ने इस आश्रम में योग प्रशिक्षण की शुरुआत की थी, तब से लेकर अब तक सैकड़ों योग शिक्षक तैयार करके विभिन्न क्षेत्रों में योग की ध्वजा पताका फहरा रहे हैं। अनेकों व्यक्ति रोगमुक्त होकर अस्पतालों के चक्कर लगाने से भी मुक्त हो गए हैं।
योग दिवस का संचालन कर रहे दैशिक शास्त्र के मर्मज्ञ सुरेश चन्द्र सुयाल ने योग दिवस कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि हमारा सौभाग्य है कि एक योगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व में योग दिवस की मान्यता दिलाकर समूचे विश्व को आरोग्यता का वरदान दिया है।
इस योग दिवस के कार्यक्रम में प्रज्ञाकुंज आश्रम के व्यवस्थापक रामबाबू कुशवाहा, सह व्यवस्थापक सत्यवीर सिंह, योग शिक्षक सतपाल सिंह, अवतार सिंह, सतेन्द्र कुमार, संदीप कुमार, सतबीर सिंह, अमरीश चौहान, राम भजन यादव, मोनू, श्रीमती निशा सिंह कुशवाहा, पूनम बृजेश सिंह, शीतल कालरा, उमा सिंह, पुष्पा देवी तथा वन्दना का सराहनीय योगदान रहा है।

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