*ऋषिकेश।* श्री गीता आश्रम इंटरनेशनल ट्रस्ट ऋषिकेश द्वारा महामंडलेश्वर स्वामी वेदव्यासानन्द सरस्वती जी महाराज की 33 वीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्यातिथि उत्तराखंड सेतु आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजशेखर जोशी थे। मुख्यातिथि डॉ जोशी ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन राष्ट्रीय भावना को मजबूती प्रदान करते हैं। गीता आश्रम द्वारा सामाजिक विकास के लिए किए जा रहे कार्य प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम की संत पंरपरा के श्रेष्ठ व्यक्तित्व ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानन्द जी द्वारा किये राष्ट्रीय कार्य वर्तमान पीढ़ी का मार्गदर्शन करने के लिए अनुकरणीय हैं। ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानन्द जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्होंने 33 वें पुण्यतिथि समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब व्यक्ति समस्याग्रस्त होकर निराश होता है तब वह गीता के सार को ग्रहण करता है, जहां से उसे अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त होते हैं,गीता का ज्ञान पूरे विश्व का दिशादर्शन करता है। हम सभी को श्रीमद्भागवत गीता के सार को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में सदैव ही सन्तों का आशीर्वाद रहा है, वह सन्तों के बीच में आकर धार्मिक ऊर्जा लेकर जा रहे हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम को दिव्य योग मंदिर संन्यास रोड हरिद्वार के आचार्य ललितानन्द जी महाराज, भारत माता मंदिर के महंत स्वामी ललितानंद जी महाराज सहित अनेक सन्तों ने सम्बोधित किया। गीता आश्रम इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ दीपक गुप्ता ने सभी अतिथियों का जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘गीता सन्देश’ का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन आश्रम के यवस्थापक भानु शर्मा ने किया। इस अवसर पर हरिद्वार से वरिष्ठ पत्रकार मनोज गहतोड़ी,आचार्य डॉ शांति प्रसाद, भाजपा मण्डल अध्यक्ष दिनेश सती , नगर पंचायत अध्यक्षा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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