23 जुलाई को मनाया जायेगा शिवरात्रि महापर्व: स्वामी रामभजन वन

*** सर्वार्थ सिद्धि, गजकेसरी, नवपंचम राजयोग में मनाया जाएगा शिवरात्रि महापर्व

। निरंजनी अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संत स्वामी रामभजन वन ने बताया कि इसके अलावा शिवरात्रि पर ग्रहों के कारण सर्वार्थ सिद्धि, गजकेसरी, नवपंचम राजयोग बन रहा है। इसके अलावा शिवरात्रि पर भाद्रवास योग भी रहेगा। सावन शिवरात्रि पर भद्रा का समय सुबह 5:37 बजे से दोपहर 3:31 बजे तक रहेगा। वैसे तो पूरे सावन महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है, लेकिन शिवरात्रि पर शिव भक्त शिव मंदिरों में जल चढ़ाकर शिव की पूजा करते हैं। इस साल शिवरात्रि का त्योहार 23 जुलाई, बुधवार को मनाया जाएगा।
मॉरीशस के नटराज मंदिर में चल रहे सावन अनुष्ठान के दौरान शिव शक्ति ध्यान केंद्र, दक्षिण अफ्रीका के संस्थापक स्वामी रामभजन वन महाराज ने बताया कि सावन शिवरात्रि का पर्व सावन माह की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त इस दिन भोले बाबा को जल अर्पित करता है, भोले बाबा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस बार सावन शिवरात्रि पर ग्रहों का महासंयोग रहेगा। उन्होंने बताया कि इस समय बृहस्पति मिथुन राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मीन राशि में और शुक्र कर्क राशि में है। इस वर्ष सावन शिवरात्रि 23 जुलाई को सुबह 4:39 बजे शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन यानी 24 जुलाई को मध्यरात्रि 2:24 बजे समाप्त होगी। ऐसे में भक्त शिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त में भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं। भगवान शिव की चार पहर पूजा में जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं। इसी दिन कांवड़ यात्रा का समापन भी होता है, सभी कांवड़िये भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। चार पहर पूजा का समय है
प्रथम – शाम 7:17 बजे से रात 9:53 बजे तक रहेगा।

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