जोधपुर। सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान जोधपुर मे शरीर रचना विभाग द्वारा मर्म चिकित्सा पर आधारित राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 सुनील कुमार जोशी एवं शरीर रचना विभागाध्यक्ष प्रो0 नरेश कुमार चौधरी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।    विश्वविख्यात मर्म चिकित्सक प्रो(डा0) सुनील कुमार जोशी ने सैंकड़ों रोगियों का उपचार करते हुये साथ ही साथ सम्पूर्ण शरीर के अति महत्वपूर्ण 107 मर्म बिन्दुओं की विस्तृत जानकारी प्रतिभागियों को दी। प्रो0 सुनील कुमार जोशी ने कहा कि मर्म चिकित्सा प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की ही एक विशिष्ट विधा है जो, स्वास्थ संरक्षण के साथ साथ दर्द के विभिन्न रोगों एवं अन्य जटिल बीमारियों मे तत्काल राहत प्रदान करती है। प्रो0 सुनील कुमार जोशी ने कहा कि जटिल बीमारियों यथा कीलोइड, गुर्दा रोग(किडनी), हदय रोग, स्वांस रोग, न्यूरोपैथी, लकवा(पैरालाइजिज), इत्यादि की भी सफल चिकित्सा मर्म चिकित्सा से आश्चर्यजनक परिणाम के साथ की जा सकती है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान जोधपुर के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि आयुर्वेद में औषधियों से विभिन्न रोगों की चिकित्सा की जाती है। परन्तु मर्म चिकित्सा से अनेक जटिल से जटिल रोगों की औषधिरहित चिकित्सा भी सफलता पूर्वक की जाती है। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ऋषिकुल परिसर हरिद्वार के शरीर रचना विभागाध्यक्ष प्रो0(डा0) नरेश कुमार चौधरी ने विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रतिभगियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि शरीर रचना विषय में जो प्राचीन ग्रन्थों में मर्म का उल्लेख किया गया है, उसका प्रो0 सुनील कुमार जोशी ने विभिन्न रोगियों पर शोध करते हुये मर्म चिकित्सा की अलग पहचान बनाई है। जिसके तहत प्रो0 जोशी ने रोगियो को उनकी बीमारियों के आधार पर मर्म चिकित्सा देकर कुछ ही पलों में दर्द से राहत प्रदान की है। जिसके लिए (डा0) जोशी को भारत में ही नहीं अपितु विश्व के कई अन्य देंशों से सम्मान मिला है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान जोधपुर के कुलपति प्रो0 (डा0) प्रदीप कुमार प्रजापति ने मुख्य वक्ता प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी एव विशिष्ट वक्ता (डा0) नरेश कुमार चौधरी को सम्मानित करते हुये कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान जोधपुर द्वारा जो उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 सुनील कुमार जोशी एवं शरीर रचना विभागाध्यक्ष डा0 नरेश चौधरी को सम्मान जो देश के विभिन्न प्रान्तों से आये हुये प्रतिभागियों के सम्मुख दिया गया है, इससे उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का भी गौरव बढ़ा। जिससे सम्मान प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को तो नई उर्जा का संचार मिलेगा, साथ ही साथ प्रतिभागियों को भी भविष्य में इस प्रकार के सम्मान प्राप्त करने के लिए एक विशेष प्रेरणा मिलेगी। कार्यशाला में प्राचार्य डा0 महेन्द्र कुमार शर्मा संकाय अध्यक्ष प्रो0 डा0 राजेश कुमार शर्मा, पूर्व प्राचार्य पं्रो0 गोविन्द सहाय शुक्ल, डा0 राकेश कुमार शर्मा, डा0 श्योराम शर्मा, डा0 नवनीत दधीच, डा0 अमित गहलोत आदि ने भी व्याख्यान दिये। कुलसचिव श्रीमती सीमा कविया, सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान जोधपुर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कहा कि भारत के विभिन्न प्रान्तों के प्रतिभागियों के साथ साथ जो उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से 20चिकित्साधिकारियों ने मर्म चिकित्सा के साथ क्षारसूत्र विधि से चिकित्सा का प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त किया है। उसका लाभ जब रोगियों को मिलेगा तो रोगी भी उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय राजस्थान जोधपुर को एक साथ याद करते हुये चिकित्सकों को अपनी अपनी दुआएंे देंगे।

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