हरिद्वार/ बैंगलोर। लाजपत राय मेहरा न्यूरोथैरेपी रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रधान रामगोपाल परिहार ने बताया कि न्यूरोथैरेपी के प्रभावों को वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित करने है और वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए ठोस पहल की गई है। इसका उद्देश्य न्यूरोथैरेपी चिकित्सा को वैज्ञानिक मान्यता दिलाना है। भविष्य में न्यूरोथैरेपी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
गौरतलब है कि स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, बैंगलोर और लाजपत राय मेहरा न्यूरोथैरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (LMNTRTI) के बीच हाल ही में विशेष रोगों पर आधारित तुलनात्मक अध्ययन (कंपैरेटिव स्टडी) के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण चर्चा संपन्न हुई। इस अध्ययन का उद्देश्य न्यूरोथैरेपी के प्रभावों को वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित करना है, जिससे इसे वैश्विक मान्यता प्राप्त हो सके। एलएमएनटीआरटीआई के प्रधान रामगोपाल परिहार ने इस पहल की जानकारी देते हुए बताया कि यह अध्ययन विश्वविद्यालय और आरटीआई के सर्टिफाइड सेंटर्स पर संचालित किया जाएगा। अध्ययन के तहत विशेष रोगों पर न्यूरोथैरेपी के प्रभावों का व्यवस्थित रूप से विश्लेषण किया जाएगा, ताकि इसके परिणामों को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया जा सके। परिहार ने यह भी बताया कि यह पहल न्यूरोथैरेपी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी शोधकर्ताओं और चिकित्सकों से इस प्रयास में सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया। इस मौके पर LMNTRTI के संरक्षक अजय गांधी भी उपस्थित थे, जो इस अध्ययन को प्रोफेशनल न्यूज़ कवरेज के माध्यम से व्यापक प्रचार दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह पहल न्यूरोथैरेपी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक रूप से स्थापित करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है, और इससे भविष्य में रोगों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं।