परमार्थ निकेतन का बाघखाला सेवा शिविर बना जनजागरूकता का तीर्थ
-स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शिवभक्तों को बोल बम, बोल बम कचरा कर दो जड़ से खतम का कराया संकल्प
-परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा बाघखाला, राजाजी नेशनल पार्क में शिवभक्तों को प्लास्टिक मुक्त कांवड यात्रा हेतु पपेट शो के माध्यम से किया जा रहा जागरूक
-परमार्थ निकेतन द्वारा कपड़े के थैले, साबुन वितरित कर स्वयं की स्वच्छता के साथ धरती मां की स्वच्छता हेतु किया जा रहा प्रेरित
ऋषिकेश। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद व नेतृत्व में परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित निःशुल्क चिकित्सा एवं जनजागरूकता शिविर में न केवल स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त तीर्थ यात्रा के लिए भी शिवभक्तों को जागरूक किया जा रहा है।
शिवभक्ति के इस पावन माह श्रावन में जहां लाखों श्रद्धालु नंगे पांव, हर हर महादेव के उद्घोष के साथ कांवड़ यात्रा पर निकले हैं, वहीं परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा बाघखाला क्षेत्र में चलाया जा रहा सेवा और स्वच्छता का संकल्प एक अनूठी प्रेरणा है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी स्वयं शिवभक्तों से मिले और उन्हें बोल बम, बोल बम, कचरा कर दो जड़ से खत्म का संकल्प कराते हुये कपड़े के थैले भेंट कर उन्हें स्वच्छ, प्लास्टिक मुक्त कांवड यात्रा हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिवभक्ति तभी सार्थक है, जब हम शिव की बनाई सृष्टि को भी पूजें और उसका सम्मान करें और उसे प्रदूषित न होने दे।
स्वामी जी ने कहा कि शिवभक्ति का सर्वोच्च रूप सेवा और समर्पण है। जिस धरती पर हम जल चढ़ाने जा रहे हैं, यदि वह ही अशुद्ध हो, प्रदूषित हो, तो यह अधूरी भक्ति है। शिव केवल कैलाश में नहीं, धरती के कण-कण में हैं।
इस विशेष जागरूकता अभियान के अंतर्गत परमार्थ निकेतन द्वारा पपेट शो के माध्यम से शिवभक्तों को अत्यंत सरल, रोचक शैली में यह संदेश दिया जा रहा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करे तथा अपनी धरती मां का सम्मान करे। शिवभक्ति केवल मंदिरों में जल चढ़ाने से नहीं, बल्कि माँ प्रकृति को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने से भी होती है।
शिवभक्तों को कपड़े के थैले, हाथ धोने हेतु साबुन, और स्वच्छता संबंधी स्लोगन युक्त सामग्री वितरित की जा रही है। हर दिन हजारों श्रद्धालुओं को यह संदेश दिया जा रहा है कि “ना पॉलीथिन, ना प्रदूषण।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आग्रह किया कि श्रद्धालु नीलकंठ महादेव पर जल चढ़ाकर ‘बोल बम, बोल बम, कचरा कर दो जड़ से खत्म’ के संकल्प के साथ अपने घर लौटें। यही शिवभक्ति का सच्चा रूप है।
स्वामी जी ने जिस प्रकार महाकुम्भ प्रयागराज में परमार्थ निकेतन शिविर को श्रद्धालुओं के लिये खोल दिया था ताकि तीर्थयात्री व श्रद्धालु शिविर में विश्राम कर सके उसी तर्ज पर परमार्थ निकेतन आश्रम, ़ऋषिकेश भी शिवभक्तों के लिये खोल दिया गया है। शिवभक्त यहां आकर विश्राम कर रहे हैं तथा उनके लिये स्वच्छ जल की सुविधायें व फोन चार्ज करने की सुविधायें भी उपलब्ध करायी जा रही हैं ताकि उनकी यात्रा और सहज व सुलभ हो सके।
परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इंटरफेथ एलायंस, डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में कावंड मेला जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।