-उत्तराखंड के विकास, गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन, हैल्थ, वेलनेस, जड़ी-बूटियों का हिमालयी क्षेत्रों में रोपण, रूद्राक्ष के पौधों का रोपण, रूद्राक्ष टूरिज्म, स्वर्गाश्रम, लक्ष्मणझूला क्षेत्र व ऋषिकेश के विकास, ऋषिकेश में बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुये सतत विकास पर विशद् चर्चा
-स्वामी जी ने पूरे धामी परिवार को भेंट किया रूद्राक्ष का पौधा
-माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने चारधाम का प्रसाद स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को दिया
देहरादून। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी तथा डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी से उनके सरकारी आवास पर सौजन्य भेंट की।
उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत, सतत विकास, स्वास्थ्य, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया। भेंटवार्ता के दौरान उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास, विशेषकर गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन, हिमालयी क्षेत्रों में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों के रोपण व संवर्द्धन, तीर्थाटन को हरित और सतत रूप देने, तीर्थक्षेत्रों की गरिमा बनाए रखने और ‘रूद्राक्ष टूरिज्म’ जैसे नवाचारों पर विस्तृत चर्चा हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी को पर्यावरण और संस्कृति के संगम का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। साथ ही मुख्यमंत्री जी ने स्वामी जी को चारधाम यात्रा का पावन प्रसाद भेंट कर इस आध्यात्मिक संवाद को और भी पावन बना दिया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड केवल एक भौगोलिक राज्य नहीं, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक चेतना का ध्रुवतारा है। यहां की नदियाँ, वन, हिमालय और ऋषि-परंपरा केवल प्राकृतिक धरोहर नहीं, अपितु आध्यात्मिक ऊर्जा के स्रोत हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राज्य के विकास की हर योजना में पर्यावरण और संस्कृति की आत्मा को सुरक्षित रखा जाना अत्यंत आवश्यक है।
स्वामी जी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों में जड़ी-बूटियों का संगठित रोपण, पारंपरिक ज्ञान से युवाओं को जोड़ने, रूद्राक्ष के पौधों के रोपण और उसे पर्यटन से जोड़ते हुए ‘रूद्राक्ष टूरिज्म’ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। इस दिशा में परमार्थ निकेतन द्वारा चलाये जा रहे आॅपरेशन सिंदूर रूद्राक्ष वाटिकाओं के रोपण अभियानों की जानकारी भी दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने परमार्थ निकेतन द्वारा की जा रही सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार तीर्थाटन और पर्यटन को सतत विकास की दृष्टि से देख रही है। उन्होंने ऋषिकेश, स्वर्गाश्रम और लक्ष्मण झूला जैसे क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर यातायात, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुविधाओं को सशक्त करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड को स्पिरिचुअल, वेलनेस एंड योगा डेस्टिनेशन के रूप में वैश्विक पहचान दिलाने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में परमार्थ निकेतन जैसे संस्थानों का योगदान अत्यंत सराहनीय है।
स्वामी जी और साध्वी जी ने श्री पुष्कर सिंह धामी जी, श्रीमती गीता धामी जी और दोनों बेटों को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया।