दैवीय सम्पद मंडल और परमार्थ निकेतन की ओर से पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज को उनके 91 वें अवतरण दिवस की शुभकामनायें*

*पूज्य स्वामी जी के जीवन के 90 वर्ष पूर्ण होने पर परमार्थ निकेतन में 900 लोगों को कराया भोजन और 90 पौधों का किया रोपण*

*पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज के दीर्घायु, दिव्यायु और उत्तम स्वास्थ्य हेतु समर्पित परमार्थ निकेतन गंगा आरती*

*वर्ष 1946 से दैवीय सम्पद मंडल और परमार्थ निकेतन में सेवाओं हेतु किया जीवन समर्पित*

*परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पूज्य स्वामी जी के सरल हृदय, सहजता, वात्सल्य भाव और मानवता के प्रति समर्पण व सेवा भाव को किया नमन*

*पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज के 90 वर्ष पूर्ण होने पर परमार्थ निकेतन में किया विशेष यज्ञ कर शतायु होने की प्रार्थना*

*पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज के अवतरण दिवस के अवसर पर विशाल भंडारा का आयोजन*

*परमार्थ निकेतन में आयोजित किया सांस्कृतिक कार्यक्रम, वेदमंत्रों का पाठ और अनेक आध्यात्मिक गतिविधियां*

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन दैवीय सम्पद् मंडल की संत परम्परा के के लिये आज का दिन अत्यंत गौरव और गरिमा का दिवस है। आज दैवीय सम्पद मंडल, परमार्थ निकेतन परिवार ने पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज के 91वें अवतरण दिवस के अवसर पर उन्हें भावपूर्ण शुभकामनाएँ अर्पित कीं और प्रातः काल से ही कई आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी असंगानन्द जी महाराज ने वर्ष 1946 से ही अपने जीवन को पूर्णतः सेवा, साधना और समर्पण के लिए अर्पित कर दिया था। उनका संपूर्ण जीवन भारत के सनातन मूल्यों, त्याग, करुणा और निष्काम सेवा के अनुपम आदर्शों से ओत-प्रोत रहा है। वे परमार्थ निकेतन और दैवीय सम्पद मंडल के स्तंभ हैं, और असंख्य साधकों, संतों और समाजसेवियों के लिए प्रेरणा-स्रोत हैं।

इस दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पूज्य स्वामी असंगानन्द जी महाराज के सरल हृदय, सहजता, वात्सल्य भाव, मानवता के प्रति उनकी अटूट निष्ठा और समर्पण को नमन करते हुये कहा, “पूज्य स्वामी असंगानन्द जी का जीवन हम सबके लिए एक प्रेरणा है, एक ऐसा प्रकाशपुंज जो समाज को धर्म, करुणा, शुचिता और निःस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाता है।

इस शुभ अवसर पर परमार्थ निकेतन में आयोजित विशेष गंगा आरती समर्पित की गई, जिसमें पूज्य स्वामी जी, सभी ऋषिकुमारों, देश-विदेश से आये अनुयायियों और सैंकड़ों साधकों ने उनकेे दीर्घायु, दिव्यायु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए सामूहिक प्रार्थनाएं की गईं।

परमार्थ निकेतन में आज विशेष यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें पूज्य स्वामी जी के शतायु होने हेतु विशेष आहुतियां समर्पित कर सभी से मंगलकामनाओं के साथ अपनी कृतज्ञता और श्रद्धा अर्पित की।

पूज्य स्वामी असंगानन्द जी महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन साधना, संस्कृति, गुरूकुल शिक्षा, संस्कार और सेवा को समर्पित करते हुए परमार्थ निकेतन व दैवीय सम्पद मंडल के अंतर्गत अनगिनत सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने निःस्वार्थ भाव से संत परंपरा की मर्यादा और समाज के उत्थान हेतु अथक योगदान दिया है। उनका जीवन तप, त्याग और तृप्ति का अद्भुत संगम है।

इस अवसर पर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि, “पूज्य स्वामी असंगानन्द जी जैसे संत भारतभूमि के लिए वरदान हैं। उनका जीवन एक तपस्वी जीवन है, जो आज की पीढ़ी को संदेश देता है कि सच्ची महानता सेवा और समर्पण में है। पूज्य स्वामी जी का जीवन दैवीय सम्पद मंडल और परमार्थ निकेतन की गौरवशाली परंपरा में एक अमूल्य अध्याय है। उन्होंने अपने आशीर्वाद और मार्गदर्शन से हजारों लोगों के जीवन में प्रकाश भरा है।

पूज्य स्वामी असंगानन्द जी महाराज की तपस्वी साधना और उनके सेवा पथ को प्रणाम करते हुए परमार्थ निकेतन परिवार ने इस दिन को विशेष आध्यात्मिक समर्पण दिवस के रूप में मनाया। यज्ञ, गंगा आरती, भजन-संकीर्तन और साधना के माध्यम से एकता, भक्ति और कृतज्ञता का वातावरण पूरे आश्रम में गूंज उठा।

पूज्य स्वामी जी के आज 91वें अवतरण दिवस पर सभी ने पुनः उनके उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु हेतु प्रार्थना की।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन में विशाल भंडारा का आयोजन किया जिसमें सैकड़ों पूज्य संतों, निराश्रितों, साधकों सहित 900 से अधिक लोगों को भोजन कराया और 90 पौधों का रोपण किया। स्वामी जी ने कहा कि ये फलदार पौधें पूज्य स्वामी जी की तरह ही सभी को निःस्वार्थ भाव से अपने फल, छाया व आश्रय प्रदान करेंगे।

परमार्थ विद्या मन्दिर के नन्हंे-नन्हें बच्चों व शिक्षकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से पूज्य महराज जी को उनके अवतरण दिवस की शुभकामनायें अर्पित की।

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