हरिद्वार। उत्तरांचल पंजाबी महासभा महानगर रुड़की महिला अध्यक्षा श्रीमती पूजा नंदा के नेतृत्व में रुड़की से चलकर नानकमत्ता एवं रीठा साहिब गुरुद्वारे की नि:शुल्क यात्रा हेतु श्रद्धालुओं का जत्था जो कि 16 फरवरी 2023 को रुड़की से चला था, हरिद्वार पहुंचने पर उत्तरांचल पंजाबी महासभा के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश लाल पाहवा तथा उनकी टीम द्वारा भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर जगदीश लाल पाहवा ने सभी तीर्थ यात्रियों को पटका पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और उन्हें तीर्थ यात्रा की अग्रिम शुभकामनाएं दी। उन्होंने रुड़की की महिला अध्यक्षा पूजा नंदा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा बुजुर्गों की तीर्थयात्रा का आयोजन श्रवण कुमार द्वारा अपने माता पिता को यात्रा के समान पुनीत कार्य है और यह कार्य कर उन्होंने पंजाबी समाज का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर पूजा नंदा ने कहा कि बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं और इनके लिए यात्रा का प्रबंध करवा कर वे अपने आप को भाग्यशाली मानती है। उन्हें हमेशा ऐसे बुजुर्गों से बहुत आशीर्वाद प्राप्त होता है, तीर्थयात्री सरदार कुलवंत सिंह खन्ना ने कहा कि पूजा नंदा तथा पंकज नंदा ने सभी का बहुत ख्याल रखा है और वे उन्हें हरिद्वार तक छोड़ने आए। उन्होंने बताया सभी तीर्थयात्री भजन कीर्तन करते आ रहे हैं। जगदीश लाल पाहवा ने पूजा नंदा व पंकज नंदा को इस उत्तम कार्य के लिए पटका पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पंजाबी महासभा के महानगर महामंत्री पंकज नंदा ने कहा कि बुजुर्गों की सेवा करना उन्होंने अपने माता पिता से सीखा है। यात्री गुरशरण जुल्का ने कहा वह यह यात्रा करने के लिए बहुत समय से उत्सुक थे। लेकिन वाहेगुरु ने उनकी विनती पूजा नंदा के माध्यम से सुनी हैं। श्रीमती सीता कक्कड़ तथा शशि तनेजा ने बताया कि तीर्थयात्रा में जाने हेतु सहयोग करने के लिए पूजा नंदा ने बहुत सहयोग किया है। कार्यक्रम में भाग लेने वालों में जगदीश लाल पाहवा ,सुरेश सिंह, पूजा नंदा, पंकज नंदा , रमेश शर्मा, रमन सचदेवा, सरदार टी एस आनंद, सरला, सरदार देवेंद्र सिंह, सरदार कुलवंत सिंह ,परमजीत कौर ,नीलम कुमारी, शशि भटेजा, सीता कक्कड़, लक्ष्मण दास, चंद्रप्रभा जोहर ,शशि तनेजा, संतोष भल्ला, शशि अरोड़ा, रेखा गुप्ता, उर्मिला ,चंचल छाबड़ा, गुरशरण जुल्का, लता रानी , वेद टेक वल्लभ, नीलम टक्कर ,पुरुषोत्तम लाल टक्कर, सुरीता शर्मा, आदि उपस्थित रहे। सभी ने वाहेगुरु के जयकारे लगाए तथा आगे की यात्रा आरंभ की।