हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हरिद्वार में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय एवं हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वधान में अंतर्राष्ट्रीय प्रत्याशा शरीर रचना सेमिनार विषय पर संपन्न हुई। सेमिनार में 580 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र ,गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़,आसाम, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, बिहार राज्यों के साथ स्पेन, हॉलैंड, स्विजरलैंड, जापान, जर्मनी, कनाडा, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन से भी प्रतिभागियों की उपस्थिति मुख्य रूप से रही। विश्व में आयोजित होने वाले इस प्रकार के प्रथम सेमिनार, जिसमें एलोपैथिक(आधुनिक) पद्धति एवं आयुष पद्धति (आयुर्वेद एवं होम्योपैथी) के छात्र-छात्राओं को एक साथ वैदिक शरीर रचना विषय एवं मॉडर्न रूप एनाटॉमी विषय पर विस्तृत जानकारियां प्रायोगिक रूप से दी गई। भारत में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में इस अनूठी एवं अनोखी सेमिनार को उत्कृष्ट रूप से आयोजित करने के लिए तथा उत्कृष्ट रूप से सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार जोशी ने आयोजन सचिव शरीर रचना विभागाध्यक्ष डॉ नरेश चौधरी को विश्वविद्यालय की ओर विशेष रूप से सम्मानित किया। डॉ.सुनील कुमार जोशी ने कहा कि डॉ नरेश चौधरी की कर्मठता एवं संमर्पणता से ही एक चुनौतीपूर्ण विश्व का प्रथम आयोजन उत्कृष्ट रूप से सफल हो सका। डॉ सुनील कुमार जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा डॉ नरेश चौधरी को सम्मानित किए जाने पर समस्त आयुष विभाग का गौरव बढ़ा है एवं डॉ. नरेश चौधरी को सम्मानित होता देखकर अन्य संकाय सदस्यों में भी प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए और डॉ.नरेश चौधरी को भी सभी प्रेरणा स्रोत मानकर अपने अपने क्षेत्र में अधिक कर्मठता से कार्य करने के लिए स्वयं चुनौतीपूर्ण टास्क स्वीकार कर तथा उक्त आयोजन का नेतृत्व स्वयं करने की पहल करनी चाहिए। आयोजन सचिव डॉ नरेश चौधरी ने सभी वक्ताओं, दून मेडिकल कॉलेज के डॉ पीयूष के नेतृत्व मैं सभी संकाय सदस्यों, पीजी स्कॉलर ,सभी चिकित्सा पद्धति के संकाय सदस्यों ,देश विदेश से सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों, आयोजन के सभी सहयोगियों का विशेष धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुझे इस प्रकार बड़े आयोजन करने तथा उनको सफलतापूर्वक संपन्न करने पर जो आत्म संतुष्टि प्राप्त होती है वह मेरे लिए सबसे बड़ा अतुलनीय सम्मान है। डॉ नरेश चौधरी ने कहा कि आयोजन में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों द्वारा जब व्यवस्थाओं की सराहना की जाती है , वह ही आयोजन की मुख्य सफलता होती है और उसी से ही आयोजकों को विशेष ऊर्जा का संचार होता है एवं भविष्य में और अधिक बड़े आयोजन करने के लिए मनोबल बढ़ता है। सेमिनार के मुख्य रूप से सभी प्रतिभागियों के साथ उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी, उत्तराखंड हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हेम चंद्र पांडे, दून मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र कुमार पंत, कुलसचिव डॉ अनूप कुमार गक्खड़, परिसर निदेशक डॉ. डी.सी. सिंह ,आयुर्वेद एवं यूनानी सेवा निदेशक डॉ अरुण त्रिपाठी, डॉ. वी. के. अग्निहोत्री, डॉ. अरुण कौशिक, सभी विभागाध्यक्ष, समस्त संकाय सदस्यों के साथ लंदन श्री डॉ. वेंकट ऐन जोशी , डॉ रघु एन शर्मा , मेलबर्न से डॉ. विनीता शर्मा, कनाडा से डॉ. हरीश वर्मा स्वीडन से सुश्री स्टीना एंडरसन, स्पेन से क्रिस्टन, जर्मनी से टक्कॊ ओशीबुर्ची, राजकुमार संबंधनम उपस्थित थे।