मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशों के तहत आज विकासखंड खानपुर में ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत संचालित उजाला सीएलएफ की सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का भौतिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण का नेतृत्व जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान परियोजना ने किया, जिनके साथ को-डायरेक्टर मेधांस(टेक्निकल एक्सपर्ट) श्री श्याम अरोड़ा ने भी सहभागिता की।
सिंघाड़ा यूनिट का निरीक्षण एवं प्रगति अवलोकन:-
भ्रमण के दौरान जिला परियोजना प्रबंधक ने श्री श्याम अरोड़ा को सिंघाड़ा यूनिट की स्थापना, संचालन और इसके उद्देश्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस यूनिट का उद्देश्य क्षेत्रीय सिंघाड़ा उत्पादकों को प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए एक सशक्त प्लेटफॉर्म प्रदान करना है। यह यूनिट न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि रोजगार सृजन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
श्री श्याम अरोड़ा ने यूनिट की तकनीकी क्षमताओं और संभावनाओं की सराहना की। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने एंटरप्राइजेज और टेक्निकल अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार आधुनिक तकनीक और सही प्रबंधन से इस यूनिट को एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
ठेकेदार को निर्देश और कार्य समय-सीमा:-
निरीक्षण के दौरान, जिला परियोजना प्रबंधक ने श्री अनुज, यूनिट निर्माण के ठेकेदार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूनिट के शेष निर्माण कार्य को शीघ्रता से और उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए, ताकि इसे निर्धारित समय-सीमा में क्रियाशील बनाया जा सके। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कार्य के दौरान सभी तकनीकी मानकों का पालन किया जाए।
सिंघाड़ा किसान और कर्मचारियों के साथ बैठक:-
भ्रमण के पश्चात, सिंघाड़ा उत्पादकों, ग्रामोत्थान परियोजना के विकासखंड स्तरीय स्टाफ, CLF स्टाफ और पदाधिकारीयों, और NRLM के स्टाफ के साथ एक विस्तृत बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपस्थित किसानों को यूनिट के लाभ, प्रोसेसिंग प्रक्रिया और मार्केटिंग के बारे में जागरूक किया गया। किसानों ने अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं को अधिकारियों के समक्ष रखा, जिस पर जिला परियोजना प्रबंधक ने समाधान के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया।
श्री श्याम अरोड़ा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट को सफल बनाने के लिए किसानों और यूनिट के कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने उत्पाद की गुणवत्ता और आधुनिक मार्केटिंग रणनीतियों पर विशेष जोर दिया।
भविष्य की योजना और यूनिट का महत्व:-
इस बैठक में यह तय किया गया कि यूनिट को जल्द से जल्द चालू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को समन्वय में कार्य करने के निर्देश दिए गए। यूनिट के संचालन के बाद सिंघाड़ा की प्रोसेसिंग से किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और उत्पाद की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, यूनिट के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी:-
भ्रमण और बैठक में ग्रामोत्थान परियोजना के समस्त विकासखंड स्तरीय स्टाफ, NRLM स्टाफ, CLF के स्टाफ और पदाधिकारी, और सिंघाड़ा किसान उपस्थित रहे। सभी ने परियोजना के उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
सिंघाड़ा यूनिट की स्थापना से न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और विकास के नए अवसर भी सृजित होंगे। इस परियोजना को सफल बनाने के लिए सभी विभागों और हितधारकों का सक्रिय सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह निरीक्षण और बैठक, ग्रामोत्थान परियोजना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि कैसे छोटे स्तर के उद्यमों के माध्यम से ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा सकता है।