-यमुना बचेगी तो संस्कृति भी बचेगी, दौडेगी दिल्ली तो दौडेगा भारत, पानी नहीं तो पीस नहीं : स्वामी चिदानन्द सरस्वती 

दिल्ली। अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति दिवस के अवसर पर विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन द्वारा आयोजित यमुना सस्टेनेबिलिटी रन – स्वच्छ यमुना, हरित दिल्ली के लिए दौड़ का भव्य उद्घाटन परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जैन आचार्य लोकेश मुनि जी द्वारा किया गया। इस अवसर पर दिल्ली के नागरिकों, युवाओं, पर्यावरण प्रेमियों और दिल्ली के 15 से अधिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने सहभाग कर यह संदेश दिया कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मां यमुना नदी को प्रदूषणमुक्त, तटों को हरा भरा और स्वस्थ बनाए रखना है। यह केवल एक दौड़ नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जागरूकता फैलाने और समाज में सेवा, साधना और समर्पण की भावना जगाने का एक महत्वपूर्ण मंच है। आज के इस अवसर का विशेष महत्व और भी बढ़ गया क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस है। स्वच्छ जल और प्राकृतिक संतुलन ही स्थायी शांति और समृद्धि की नींव है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा, जब हमारा मन और वातावरण शुद्ध होगा, तभी विश्व में सच्ची शांति संभव है। युवा शक्ति ही देश और दुनिया को हरित और स्वस्थ बनाने में अग्रणी भूमिका निभा सकती है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आने वाले समय में शान्ति बनाये रखने के लिये, संघर्षों को कम करने के लिये, विवादों की समस्याओं का समाधान करने के लिये भीतर की शान्ति अत्यंत आवश्यक है। भीतर की शान्ति ही जीवन के आनंद को स्थिरता प्रदान कर सकती है। इस समय लोग सफल तो हो रहे हैं परन्तु शान्ति नहीं है। अब सफलता के साथ-साथ शान्ति के महत्व को भी समझे क्योंकि शान्ति ही जीवन का सार है।
जल है तो जीवन है, जल है तो कल है, पानी नही तो पीस नहीं, नो वाटर नो पीस इसलिये जल चेतना को जन चेतना बनाना होगा, जल क्रान्ति को जन क्रान्ति बनाना होगा, जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि दौडेगी दिल्ली तो दौडेगा भारत, दिल्ली से पूरे भारत को प्रेरणा प्राप्त होगी। नदियां बचेगी तो जीवन बचेगा, नदियां हैं तो दुनिया है।
स्वामी जी ने कहा कि आज तक तो नदियां दौडती रही प्रदूषण के कारण अब नदियों की भी श्वास फुलने लगी है, मानवता का भी दम घुटने लगा हे इसलिये जागरण की शुरूआत बहुत जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियों स्वच्छ जल व शुद्ध वायु प्राप्त हो सके।
स्वामी जी प्रातः काल वह भी रविवार के दिन जब स्कूल बंद होते हैं ऐसे में विद्यालय के बच्चों को अपनी नदियों के लिये दौड़ते हुये देखकर प्रसन्न्ता व्यक्त करते हुये कहा कि यह एक बहुत अच्छी शुरूआत है। नदियों पर पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये हर स्कूल को यह शुरूआत करनी होगी। इस अद्भुत कार्य के लिये स्वामी जी ने पर्यावरण मंत्री श्री और संस्कृति मंत्री श्री को शुभकामनायें देते हुये कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में जागृति आती हैं और यमुना जी को हमारी संस्कृति की आधारशीला है, यमुना बचेगी तो संस्कृति भी बचेगी।
जैन आचार्य लोकेश मुनि जी ने भी सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि व्यक्तिगत प्रयास और सामूहिक चेतना से ही हम नदियों, जंगलों और प्रकृति को बचा सकते हैं।
श्री राजेश सर्वज्ञ जी, विवेकानंद यूथ कनेक्ट फाउंडेशन ने इस दौड़ के माध्यम से यह संदेश दिया कि स्वच्छ यमुना, हरित दिल्ली और शांतिपूर्ण विश्व का सपना केवल सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही साकार हो सकता है।
सभी नागरिकों और युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि इस पहल का हिस्सा बनें, अपने जीवन में सेवा, साधना और समर्पण की भावना लेकर यमुना जी और पर्यावरण के संरक्षण में सक्रिय योगदान दें। आइए, आज नहीं बल्कि हर पल मिलकर स्वच्छ यमुना, प्रदूषण मुक्त नदियां व स्थायी शांति के लिए कार्य करे।

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