-बड़े शहरों के बाद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी तेज़ी से बढ़ रहा कैंसर का संक्रमण
-देश के सबसे योग्य और अनुभवी कैंसर विशेषज्ञों ने परामर्श व दिशा निर्देश भी दिए
-जन कल्याण अस्पताल एवं अनुसंधान संस्थान में ओपीडी आयोजित हुई
देहरादून। कैंसर के बढ़ते मामलों की गंभीरता को देखते हुए मेदांता-गुरुग्राम अस्पताल की कैंसर विशेषज्ञों की टीम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंची। यहां मरीजों को कैंसर से बचाव, संक्रमित होने के बाद बरती जाने वाली सावधानियां, कैंसर रोगियों को परामर्श एवं उपचार संबंधी दिशा निर्देश दिए गए। मेदांता-गुरुग्राम में मेडिकल और हेमेटो-ऑन्कोलॉजी डिवीजन के उपाध्यक्ष डॉ. सत्य पाल कटारिया ने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी की रोकथाम के लिए संक्रमित मरीज के बारे में जल्द से जल्द पता लगाना जरूरी है। इसके लिए हमारे पास अत्याधुनिक ओपीडी है, जिसमें मरीज के संक्रमित होने की जानकारी और संक्रमण की दर का भी पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर कटारिया 27 वर्षों से भी अधिक समय से कैंसर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
देश की 30 से ज़्यादा प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में उनके शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ कटारिया ने आगे कहा कि कैंसर का पता लगाने और इलाज में देरी होने पर बचने की संभावना कम होती है और इलाज की लागत भी बढ़ जाती है। हेमेटोलॉजी और ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ रक्त, हड्डी के रोगों के उपचार के साथ मज्जा, लिम्फ नोड्स में भी विशेषज्ञता रखते हैं। इतना ही नहीं पित्त संबंधी कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, ग्रीवा कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, हॉजकिन लिम्फोमा, गैर हॉगकिन लिंफोमा, क्रोनिक ल्यूकेमियास, गुर्दा कैंसर, लिवर कैंसर, मेलेनोमा, डिम्बग्रंथि कैंसर, अग्नाशय कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, त्वचा कैंसर के इलाज में भी इन्हें विशेष योग्यता व अनुभव प्राप्त है। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर हालही में हुए अध्ययन बताते हैं कि पहले बड़े बड़े शहरों में ही इसके रोगी मिलते थे, लेकिन कुछ समय से छोटे शहरों व गांवों से भी बड़ी संख्या में कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। शहरों में कैंसर के मामले बढ़ने का प्रमुख कारण तंबाकू, शराब का सेवन, जनसंख्या वृद्धि के कारण होने वाला वायु प्रदूषण व स्वस्थ आहार न लेना है। मेदांता में कैंसर संस्थान की स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी। इस अस्पताल का मुख्य उद्देश्य कैंसर पीड़ित मरीजों का बेहतर इलाज करना है। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए बेहतर इलाज के साथ मेदांता कैंसर संस्थान में हेमटो ऑन्कोलॉजी विभाग, ऑन्कोलॉजी विभाग, स्तन, सिर और गर्दन के ऑन्कोलॉजी विभाग सहित कई अंग-विशिष्ट सर्जिकल डिवीजन भी शामिल हैं। मेदांता अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञों की अनुभवी टीम के साथ प्रशिक्षित ऑन्कोलॉजिस्ट साइबरनाइफ वीएसआई रोबोटिक रेडियो सर्जरी, वीएमएटी, आईजीआरटी, टोमोथेरेपी और अन्य हाई-एंड डायग्नोस्टिक जैसी हाई टेक्नोलॉजी से लैस है। यहां विश्वस्तरीय उपकरण और विश्व के प्रतिष्ठित सर्जन भी हैं।