*ग्राफिक एरा सिल्वर जुबली कान्वेंशन सेंटर, ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय*

*परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का मुख्य अतिथि व प्रमुख वक्ता के रूप में पावन सान्निध्य*

*उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की मुख्य अतिथि के रूप में गरिमामय उपस्थिति*
*विशिष्ट अतिथिगण, ज्योतिषाचार्यगण, ग्राफिक एरा के समस्त सदस्यगण और अनेक विभूतियों ने किया सहभाग*
*अध्यक्ष ग्राफिक एरा समूह प्रो. कमल घनशाला, एवं यूनिट हेड श्री पंकज शर्मा, ने सभी विशिष्ट अतिथियों का किया अभिनन्दन*
*मुख्य एवं विशिष्ट अतिथिगण का रूद्राक्ष माला एवं अंगवस्त्र से श्री अनूप वाजपेयी, सम्पादक एवं श्री पंकज शर्मा, यूनिट हेड ने किया स्वागत*

ऋषिकेश। ज्योतिष महाकुम्भ – 2024 में परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का मुख्य अतिथि व प्रमुख वक्ता के रूप में पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की मुख्य अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट अतिथियों, ज्योतिषाचार्यों, ग्राफिक एरा के समस्त सदस्यों और अनेक विभूतियों ने सहभाग किया।
उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर आयोजित ज्योतिष महाकुम्भ – 2024 न केवल ज्योतिष क्षेत्र के ज्ञान को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर है बल्कि ग्राफिक एरा में आयोजित यह भव्य आयोजन क्षेत्र के सम्मानित ज्योतिषाचार्यों का संगम भी बनकर उभरा है। यह आयोजन ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के सिल्वर जुबली कान्वेंशन सेंटर में सम्पन्न हुआ, जिसमें देश-विदेश से आए ज्योतिषाचार्य, विशेषज्ञ, एवं विद्यार्थियों की सहभागिता रही।
इस भव्य आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की पवित्र उपस्थिति रही। स्वामी जी ने अपने उद्घाटन संबोधन में भारतीय संस्कृति, वेद, और ज्योतिष के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ज्योतिष केवल भविष्यवाणी करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह जीवन को सही मार्गदर्शन प्रदान करने वाला दिव्य विज्ञान है। यूनाइटेड नेशन भी इन हाथ पर बनी लकिरों पर अब विश्वास करने लगा है क्योंकि ज्यातिष एक विज्ञान है। ज्योतिष केवल एक विज्ञान नहीं बल्कि विश्वास भी है और श्वास भी है। ज्योतिष, श्वास, विश्वास और विज्ञान की त्रिवेणी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी भी इस महाकुम्भ में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। अपने उद्घाटन भाषण में राज्य के विकास के साथ-साथ पारंपरिक ज्ञान और ज्योतिष के योगदान पर अपने विचार साझा करते हुये उन्होंने इस सातवें ज्योतिष महाकुम्भ के आयोजन हेतु सभी को शुभकामनायें दी और उत्तराखंड़ की भूमि पर देश-विदेश से आये सभी ज्योतिषाचार्यों का अभिनन्दन करते हुये कहा कि उत्तराखंड़ व ज्योतिष का आपस में बड़ा ही घनिष्ठ संबंध है। उत्तराखंड़ प्राचीन काल से ऋषि, मुनियों व ज्योतिषाचार्यों की तपस्थली रही है। यह भूमि कर्म, उपासना के साथ-साथ लौकिक व अलौकिक क्रियाओं की भूमि रही है और यहां के दिव्य रहस्यों को उजागर करने का प्रयास हमेशा ही किया जाता रहा है।
इस अवसर पर अनेक विशिष्ट अतिथिगण, ज्योतिषाचार्यगण, और गणमान्य अतिथियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला और श्री पंकज शर्मा, यूनिट हेड अमर उजाला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथिगण का स्वागत रूद्राक्ष माला एवं अंगवस्त्र से किया गया। श्री अनूप वाजपेयी, सम्पादक और श्री पंकज शर्मा ने सभी को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों ने भारत की प्राचीन संस्कृति और शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं को रेखांकित करते हुये ज्योतिष का न केवल मानव जीवन बल्कि पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों के विषय में भी चर्चा की।
इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड ज्योतिष रत्न की घोषणा और सम्मान किया। यह सम्मान उन ज्योतिषाचार्यों को दिया गया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया और ज्योतिष विज्ञान को प्रचलित किया। इसके अलावा, पांच युवा ज्योतिषियों का भी सम्मान किया गया। जो भविष्य में ज्योतिष के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का कार्य कर रहे हैं।
ज्योतिष महाकुम्भ का आयोजन न केवल एक शैक्षिक उद्देश्य से था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपरा को जीवित रखने का प्रयास भी है। इस कार्यक्रम ने भारतीय ज्योतिष की गहराई, विविधता, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed