पौड़ी पावो ब्लॉक के मरोड़ा गांव में पांडव जागरण एवं देवी डोली का महापर्व भव्य आयोजन ।

एक तरफ उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी जिलों से पलायन की मार झेल रही जिलों में गांव के गांव खाली और बंजर पढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अपनी पौराणिक परम्पराओं, आस्था और देवी देवताओं के प्रति श्रद्धा प्रवासियों को अपने गांव आने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इस प्रकार 7 वर्षों के पश्चात ग्राम सभा मरोड़ा में पांडव नृत्य और देवी डोली यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें गांव के सभी प्रवासी एवं दिशा ध्यानी का गांव में आगमन शुभ संकेत हैं! इन दिनों गांव की जनसंख्या में बहुत वृद्धि हुई है जिस से गांव में चहल पहल नजर आ रही हैं जिससे सभी ग्रामवासी अत्यंत भावुकता तथा प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं.

पूर्व प्रधान क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि प्रभु दयाल बिष्ट ने बताया कि 2019 करोना काल के बाद इतना जन सैलाब देखने को मिला, ग्राम सभा में आयोजित तीन दिवसीय मेले में पहले दिन पंचनाम देवताओं का जागरण दूसरे दिन पांडव नृत्य और तीसरे दिन देवी डोली का आयोजन किया गया समाज सेवक गोविंद सिंह डंगवाल जी ने बताया की मान्यता हैं की जो दूसरे दिन पांडव नृत्य गैंडा का मेला होता है उस में पांडव अपने पितरों के तर्पण उ के लिये गैंडा की खाल लेने के लिये गए जिस में गैंडा का मालिक नागमल गैंडा को नहीं मारने देता है जिससे पांडव कलिया लोहार के पास जाते हैं और धनुष बाण बनवाते है लोहार अपनी भाटी में धनुष बाण बताते हैं फिर पांडवों और नागमल के मध्य युद्ध होता है नागमल का पीछा करते करते अंत में गैंडा को मार गिरते हैं फिर नागमल और अर्जुन का मलयुद्ध होता है जिस में नागमल घायल हो जाते हैं फिर भगवान श्री कृष्ण जी अर्जुन को जीवित कर देते हैं। मेले में जो आजकल गैंडा बनाया जाता हैं कद्दू का काल्पनिक बनाया जाता हैं अगले दिन देवी की डोली को सारे गांव में घुमाकर अंत में विसर्जन के लिए देवी के मंदिर में ले जा कर अंत में हवन यज्ञ किया जाता हैं! पौड़ी से जगदीश नेगी की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *