मानसिक स्वास्थ्य के बिना शारीरिक स्वास्थ्य असंभव : साध्वी भगवती सरस्वती

ऋषिकेश/नजीबाबाद। नार्थ इंडिया ग्रुप ऑफ कॉलेजेस द्वारा एनआईजीसी आडिटोरियम, नजीबाबाद में आयोजित मेंटल हैल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम में परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी को विशेष रूप से मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। साध्वीजी के प्रेरक और सारगर्भित संदेश ने उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को मानसिक स्वास्थ्य, योग, ध्यान और भारतीय जीवन शैली के महत्व के बारे में नई दृष्टि दी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग हर 5 में से 1 भारतीय अपने जीवन में किसी न किसी रूप में मानसिक स्वास्थ्य समस्या का अनुभव करते हैं। वास्तविक आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं क्योंकि कई लोग इसे रिपोर्ट नहीं करते या खुलकर इस पर चर्चा नहीं करते। वर्तमान समय में सबसे अधिक प्रभावित समूह 18-35 वर्ष के युवा वयस्क, विशेष रूप से छात्र और कामकाजी लोग हैं। लंबे समय तक स्क्रीन के सामने रहना, ‘हमेशा ऑन’ रहने की संस्कृति ने डिजिटल थकान, चिंता और नींद की कमी जैसी मानसिक चुनौतियों को जन्म दिया है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अपने संबोधन में बताया कि आज के भागदौड़ भरी तनावपूर्ण जीवन में मानसिक स्वास्थ्य का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। जब मन स्वस्थ और संतुलित होता है, तभी हम अपने जीवन के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से पहचान पाता है और समाज में सकारात्मक योगदान दे पाता है।
साध्वीजी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मानसिक स्वास्थ्य को प्राचीन काल से ही महत्व दिया जा रहा है। योग, ध्यान और प्राकृतिक जीवन शैली न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मन को भी शांति और संतुलन प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव, चिंता और भावनात्मक असंतुलन को दूर करने के लिए हम सभी को नियमित रूप से योगाभ्यास, ध्यान और प्राकृतिक जीवन शैली अपनानी होगी।
साध्वीजी ने युवाओं से विशेष अनुरोध किया कि वे अपने जीवन में संयम, आहार, ध्यान और प्रकृति के निकट जीवन को अपनाएं। जब हम अपने आहार, समय और गतिविधियों में संतुलन बनाए रखते हैं, तो मानसिक स्वास्थ्य अपने आप सुधर जाता है। प्रकृति के साथ जुड़ाव, हरित वातावरण में समय बिताना, नियमित योग और ध्यान का अभ्यास मन को स्थिर और प्रसन्न बनाता है।
साध्वीजी ने योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के अनेक उपाय बताए। उन्होंने कहा कि प्राणायाम, ध्यान और साधना न केवल मस्तिष्क को शांत करते हैं, बल्कि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर तनाव और नकारात्मक भावनाओं को दूर करते हैं। भारतीय जीवनशैली में व्रत, संयम, संतुलित आहार और प्राकृतिक जीवन शैली इन सभी का समर्थन करती है।
नार्थ इंडिया ग्रुप ऑफ कॉलेजेस का यह मेंटल हैल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य और मार्गदर्शन के साथ अत्यंत सफल और सार्थक रहा। विद्यार्थियों और उपस्थित शिक्षकों ने इस अवसर को जीवन में मानसिक स्वास्थ्य, योग और ध्यान के महत्व को समझने का अमूल्य अवसर बताया।
इस अवसर पर साध्वी जी द्वारा रचित सद्साहित्य व रूद्राक्ष का पौधा श्री अवनीश अग्रवाल प्रबंध निदेशक, एनआईजीसी, डॉ. अनुराधा माथुर, होलिस्टिक एक्सपर्ट एवं वक्ता, डॉ. शिवानी एनआईआईटी, प्रिंसिपल, श्री रुचिन सिंघल, अध्यक्ष, श्री नरेज नेमानी, सचिव, श्री अंकुर गोयल, कोषाध्यक्ष और नार्थ इंडिया ग्रुप ऑफ कॉलेजेस की पूरी टीम को भेंट किया।

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