*वर्ल्ड योग फेस्टिवल-2025 में भारत की आध्यात्मिक आवाज बनीं डा साध्वी भगवती सरस्वती जी*
*हेनली-ऑन-थेम्स, यूनाइटेड किंगडम में डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सनातन धर्म पर दिया ज्ञानवर्द्धक उद्बोधन*
*स्वामी सर्वप्रियानंद जी ने अद्वैत वेदांत के ज्ञान से योग जिज्ञासुओं को किया आलोकित*
*विश्व स्तर के महान वक्ता, योगी और योगाचार्यों और योग जिज्ञासुओं का सहभाग*
*वर्ल्ड योग फेस्टिवल-2025 में योग की विभिन्न शैलियों, आयुर्वेदिक चिकित्सा, प्राणायाम, ध्यान, कीर्तन, नृत्य, और शांति साधना का अनूठा संगम*
हेनली-ऑन-थेम्स, यूनाइटेड किंगडम, 6 अगस्त 2025। इंग्लैंड की सुंदर वादियों में स्थित हेनली शो ग्राउंड में आयोजित वर्ल्ड योग फेस्टिवल-2025 एक अनुपम आध्यात्मिक और योगिक उत्सव के रूप में संपन्न हुआ। इस महोत्सव में योग, वेदांत, आयुर्वेद, ध्यान, संगीत, मंत्र, साधना और सेवा के विविध आयामों को जीवंत किया गया।
इस दिव्य आयोजन में भारत की ओर से आध्यात्मिक प्रतिनिधित्व करते हुए डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने अपने प्रज्ञापूर्ण, करुणामयी और सशक्त विचारों से वैश्विक साधकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साध्वी जी ने योग के माध्यम से उपचार और आंतरिक शांति प्राप्त करना विषय पर अपने गहरे अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन-दर्शन है जो आत्मा को उसके वास्तविक स्वरूप से जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि जब हम योग के माध्यम से अपने भीतर की पीड़ा को स्वीकारते हैं और उसे प्रेम में बदलते हैं, तभी सच्चा उपचार होता है। योग हमें भीतर से मुक्त करता है, और आत्मा के वास्तविक स्वरूप का साक्षात्कार कराता है।
डा साध्वी जी ने सनातन धर्म, नारी शक्ति, सेवा, पर्यावरण संरक्षण विशेषकर मां गंगा के प्रति श्रद्धा और वैश्विक एकता के विषयों पर भी गूढ़ और प्रभावशाली उद्बोधन दिया। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने भारत की सनातन चेतना, आध्यात्मिक परंपरा और आधुनिक वैश्विक संवाद के बीच एक पुल का कार्य किया।
अद्वैत वेदांत की ऊँचाइयों पर दिव्य मार्गदर्शन न्यूयॉर्क स्थित रामकृष्ण मिशन के इस प्रबुद्ध संत स्वामी सर्वप्रियानंद जी ने किया। उन्होंने तात्त्विक अद्वैत वेदांत व अष्टावक्र गीता की शिक्षाओं के माध्यम से योग जिज्ञासुओं को आत्मबोध की ओर उन्मुख किया। स्वामी जी की शांत, तर्कयुक्त और सरल शैली ने पश्चिमी एवं भारतीय साधकों को वेदांत की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
उन्होंने कहा कि योग और अद्वैत वेदांत दोनों ही भारत की महान आध्यात्मिक परंपराएं हैं, जो आत्मबोध और मुक्ति की ओर ले जाती हैं। योग, विशेषकर पतंजलि योगसूत्र के अनुसार, मन को शुद्ध करने, इंद्रियों को नियंत्रित करने और चित्त को स्थिर करने की विधा है। योग का उद्देश्य है “चित्तवृत्ति निरोध”, अर्थात् मन की सारी हलचलों को शांत करना, जिससे साधक अपने सच्चे स्वरूप को जान सके।
अद्वैत वेदांत कहता है कि आत्मा और ब्रह्म एक ही हैं “अहं ब्रह्मास्मि” (मैं ही ब्रह्म हूँ)। लेकिन इस ज्ञान तक पहुँचने के लिए मन का शांत होना आवश्यक है, और यही कार्य योग करता है।
योग साधना से जब मन शुद्ध होता है, विक्षेप शांत होते हैं, तब साधक अद्वैत वेदांत के उस अनुभव तक पहुँच सकता है जहाँ द्वैत मिट जाता है न साधक रहता है, न साध्य, केवल शुद्ध ब्रह्म की अनुभूति होती है इसलिए कहा जाता है योग से शुद्धि, वेदांत से सिद्धि। योग आत्मज्ञान की तैयारी कराता है, और वेदांत आत्मा को उसके ब्रह्मस्वरूप का साक्षात्कार कराता है। दोनों मिलकर जीवन को मुक्ति, शांति और ज्ञान की ओर ले जाते हैं।
वर्ल्ड योग फेस्टिवल-2025 योग और वेदांत का दिव्य उत्सव के साथ यह एक आध्यात्मिक क्रांति की शुरुआत भी है, जिसमें भारत की परंपराएं, मूल्य और ज्ञान वैश्विक चेतना का प्रवाह प्रवाहित हुआ। स्वामी सर्वप्रियानंद जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी आदि पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति ने भारत को आध्यात्मिक नेतृत्वकर्ता के रूप में पुनः स्थापित किया।
अद्वैत वेदांत के महान वक्ता स्वामी सर्वप्रियानंद जी ने अष्टावक्र गीता, अद्वैत वेदांत, सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की महान वक्ता, डा साध्वी भगवती सरस्वती जी, ने हीलिंग योग, सेवा और सनातन मूल्यों पर प्रवचन दिया, योगाचार्य ज्ञानदेव गिरि जी, सनातन धर्म मुक्ति का पथ, स्वामिनी ब्रह्मप्रज्ञा नंदा जी, हिन्दू धर्म की स्वामी ब्रह्मविद्यानंद जी ने वेदांत दर्शन, स्वामिनी ब्रह्मप्रज्ञा नंदा जी ने वेदांत की शिक्षा, श्री राम बनर्जी ने वेदांत और जीवन, रूपर्ट स्पिरा ने अद्वैत वेदांत के आधुनिक दृष्टिकोण, श्री पूर्णेश एवं रोवेना ने वेदांत, श्री सतीश शर्मा जी ने वेदांत और वर्तमान युग में योग तथा आयुर्वेद और स्वास्थ्य पर डॉ. पार्थसारथी, आयुर्वेद में आधुनिक दृष्टिकोण, डॉ. सरनिया पार्थसारथी, नारियों के स्वास्थ्य और आयुर्वेद, मायरा लेविन ने योग और आयुर्वेद का समन्वय, मोनिषा भारद्वाज ने आयुर्वेदिक पाक कला, पॉली बाल्डविन ने पोषण एवं पाचन स्वास्थ्य आदि अनेक वक्ताओं व योगाचार्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही।