नरेंद्रनगर। नरेंद्रनगर में दूसरी जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप मीटिंग के एक चर्चा कार्यक्रम के तहत जेंडर एंड करप्शन विषय पर विचार विमर्श किया गया। चर्चा कार्यक्रम में केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने भाग लिया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एक अच्छी सरकार की परिभाषा उसके द्वारा अंतिम व्यक्ति तथा महिलाओं के लिए कल्याण के कार्यों से निर्धारित होती है। श्रीमती लेखी ने भारत सरकार द्वारा जनधन खाते, मुद्रा योजना, आयुष्मान भारत, डीबीटी जैसी योजनाओं के माध्यम से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के साथ ही महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की चर्चा की। भ्रष्टाचार से सबसे अधिक महिलाएं ही प्रभावित है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को निशुल्क सार्वजनिक सेवाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय सहयोग तथा बच्चों की देखभाल हेतु सुविधाएं मिलनी चाहिए।
चर्चा कार्यक्रम में अफ्रीकी प्रतिनिधि ने कहा कि भ्रष्टाचार का महिलाओं पर यौन प्रताड़ना के रूप में भी असर पड़ता है। महिलाओं को आर्थिक तथा सामाजिक रूप से सशक्त करने की आज आवश्यकता है। कार्यक्रम में विमन इनीशिएटिव की  सोनिका कनौजिया ने अपने विचार रखते हुए कहा कि नए उद्यम स्थापित करने तथा स्वरोजगार  के प्रयासों में महिलाओं को विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग तथा ऑनलाइन बाजार के उपलब्ध होने से महिलाओं की राह आसान हुई है।
कार्यक्रम में टिहरी जनपद की नरेंद्र नगर की रहने वाली खुशहाल स्वयं सहायता समूह की संचालिका रजनी रावत ने उत्तराखंड में स्वयं सहायता समूहों की सफलता की जानकारी दी द्य उन्होंने बताया कि राज्य के  ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं तथा स्वावलंबी भी बन रही हैं। इंडोनेशिया की प्रतिनिधि माल्या ने कहा कि समाज को  भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूक करने की जरूरत है द्य इस दिशा में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने हेतु किए गए विभिन्न प्रयासों तथा महिला सशक्तिकरण पर लघु फिल्में भी दिखाई गईं।

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