*दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित अभियान*

*प्रथम चरण में ऋषिकेश, नजीबाबाद, बड़कोट और उत्तरकाशी में आयोजित शिविर में 500 से अधिक दिव्यांगजनों को वितरित किये कृत्रिम अंग*

ऋषिकेश। माननीय प्रधानमंत्री भारत श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर और उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के जन्मदिवस के अवसर पर उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड़ शिविर के प्रथम चरण का आज समापन हुआ।         

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उत्तरकाशी में मेडिकल काॅलेज खोलने के लिये एक करोड़ रूपये दान का संकल्प किया। पूज्य स्वामी के इस भामाशाह संकल्प से उत्तरकाशी की जनता गद्गद हुई।

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और महावीर सेवा सदन, कोलकाता के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस 15 दिवसीय दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड अभियान में 500 से अधिक दिव्यांग जनों को कृत्रिम व सहायक अंग, कैलिपर्स, कृत्रिम हाथ व पैर, संशोधित जूते, बैसाखी और वाॅकर निःशुल्क वितरित किये गये। दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड़ एवं भारत अभियान विधिवत रूप से वर्ष 2022 से शुरू किया गया था।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, माननीय राज्यपाल, उत्तराखंड श्री गुरमीत सिंह जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड़ सरकार डा धन सिंह रावत जी, महावीर सेवा सदन के प्रमुख श्री विनोद बागरोड़िया जी, चांसलर श्रीमती मंजीरा देवी विश्वविद्यालय डा हरिशंकर नौटियाल जी, अमेरिका से श्री विक्रम शाह जी और अन्य विशिष्ट विभूतियों ने दीप प्रज्वलित कर दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड शिविर के माध्यम से कृत्रिम अंग वितरित किये।

दिव्यांगता मुक्त उत्तराखंड, अभियान के अन्तर्गत परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और महावीर सेवा सदन, कोलकाता की टीम विगत 15 दिनों से उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों में जा कर दिव्यांग जनों के लिये कृत्रिम अंगों का निर्माण कर रही है। पहाड़ों के लिये एक विशेष दिव्यांगता मुक्त वेन तैयार की है ताकि सभी तक इन सुविधाओं का लाभ पहुंचाया जा सके।

उत्तरकाशी व बरकोट में पहली बार दिव्यांगता मुक्त शिविर आयोजित किया गया। विगत वर्षों में वहां से दिव्यांग जनों को परमार्थ निकेतन लाया जाता था परन्तु इस बार केवल पहाड़ों के लिये एक विशेष वेन के अन्दर अंग बनाने की मशीनों को लगाया गया ताकि पहाड़ के प्रत्येक गांव जाकर सुविधायें प्रदान की जा सके।

विगत 15 दिनों से उत्तरकाशी व बरकोट में जब घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा था तब लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि कृत्रिम अंग भी लगाये जा सकते हैं और आज वही लोग चल रहे हैं, जिनके हाथ नहीं थे वे अपने कृत्रिम हाथ में पेन पकड़ कर लिखने की कोशिश कर रहे है। अनेक ऐसे लोग थे जो दिव्यांगता के कारण वर्षों से अपने घरों में ही थे उनके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव स्पष्ट दिखायी दे रहे हैं।

महावीर सेवा सदन व परमार्थ निकेतन के टेक्निशियन दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग लगा कर उसका अभ्यास भी करवा रहे हैं ताकि वे चलना-फिरना व अपने कृत्रिम हाथों से सुचारू रूप से कार्य कर पाये। कई ऐसे भी दिव्यांग जन हैं जिनके चारों हाथ-पैर नहीं है उन्हें जब अंग लगायें गये तो उनकी व उनके घरवाले खुशी से झूम उठे।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि दिव्यांगता मुक्त भारत दिव्यांगों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के संरक्षण हेतु समर्पित अभियान है। यह एक अवसर है जब दिव्यांग जनों को समाज की मुख्य धारा में लाया जा सकता है ताकि उन्हें समान अवसर प्राप्त हो सके और सम्मान से युक्त जीवन जी सके।

स्वामी जी ने कहा कि यमुना जी के तट पर स्थित विजय पब्लिक स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे दृष्टिबाधित विद्यार्थियों का हालचाल लिया। उनकी बेहतर शिक्षा व व्यवस्थाओं के लिये परमार्थ निकेतन द्वारा विगत कई वर्षों से विलक्षण कार्य सम्पादित हो रहे हैं। साथ ही विश्वनाथ संस्कृत विद्यालय के विकास और विद्यार्थियों को वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिये वर्ष 2005 से ही विलक्षण कार्य किये जा रहे हैं। उत्तराखंड़ सहित भारत के विभिन्न राज्यों में शिक्षा व गुरूकुलों के विकास के लिये अनेक सेवा कार्य किये जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड़ सरकार डा धन सिंह रावत जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से संचालित इस अभियान से उत्तराखंड, भारत का पहला दिव्यांगता मुक्त राज्य होगा ऐसा मुझे विश्वास है। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति, संस्कार, विरासत, नदियों व पर्यावरण के संरक्षण के लिये अद्भुत कार्य कर रहा है। स्वामी जी ने अनेक अन्तर्राष्ट्रीय मंचों से भारत व भारतीय संस्कृति का उद्घोष किया है। उत्तराखंड़ में शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में अपने साढ़े सात वर्षों के कार्यकाल में हुई उपलब्धियों और संकल्पों से सभी को अवगत कराया।

उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि अपने आसपास के दो गांवों को गोद लेकर उन गांवों को 100 प्रतिशत साक्षर बनायें।

महावीर सेवा सदन के प्रमुख श्री विनोद बागरोड़िया जी ने बताया कि पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से विगत 47 वर्षों से हम भारत के विभिन्न राज्यों में निःशुल्क दिव्यांगता मुक्त शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। पूज्य स्वामी जी ने मार्गदर्शन में अब इसका विस्तार पहाड़ी क्षेत्रों में भी किया जा रहा है।

श्रीमती मंजीरा देवी विश्वविद्यालय हिटाणु, उत्तरकाशी में आयोजित कैम्प में श्री पवन नौटियाल जी ने अद्भुत सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर विधायक भटवाड़ी ग्राम प्रमुख श्रीमती विनीता रावत जी, आचार्य दीपक, अमेरिका से आये विक्रम शाह जी, श्री मुकेश जी, श्री राजेश जी, श्री राम जी, श्री रामचन्द्र शाह उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *