धर्मशाला। धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में तीन दिवसीय लैंगिक समानता विषय पर अयोजित महिला विधायक सम्मेलन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बतौर मुख्यातिथि वर्चुअल रुप से जुड़ कर किया। इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने भी सम्मेलन में भाग लिया। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि समाज अब लैंगिक समानता की ओर अग्रसर हो रहा है जो एक सुखद अनुभव है।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 22 से 24 जून तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (लबसना) और राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से महिला विधायक सम्मेलन आयोजित किया गया है। आयोजन में 6 राज्यों जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल की महिला विधायकों ने प्रतिभाग किया। तीन दिन तक सभी प्रतिभागी इस आयोजन में लैंगिग समानता और उसके अलग-अलग पहलुओं पर अपना मत व्यक्त करेंगी।
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में लैंगिक समानता को लेकर सरकार और समाज के कई अभियान चलाए गए। उनका काफी उत्साहवर्धक परिणाम देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि पारिवारिक व व्यवसायिक कार्यों के बीच संतुलन सिर्फ एक महिला ही बना सकती है।राष्ट्र और समाज के विकास के लिए समानता का होना जरूरी है,  लैंगिक समानता विकास का मापक होता है। निर्णय लेने का अधिकार, आर्थिक स्वालंबन, राजनीतिक भागीदारी का होना महिलाओं लिए जरूरी है। सरकार कई योजनाओं के माध्यम से इस लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास भी कर रही है लेकिन इसमें जन जागरूकता का होना भी जरूरी हैद्य विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में महिलाएं, पुरुषों की भांति प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। चाहे वह सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक जैसे कोई भी क्षेत्र हो, अब स्त्रियों से कोई क्षेत्र अछूता नहीं है। इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के निदेशक श्रीनिवास, राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी, हिमाचल प्रदेश की राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डी सी ठाकुर सहित विभिन्न प्रदेशों की महिला विधायक मौजूद रही।

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