मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लगभग 33 प्रस्तावों पर सहमति बनी है। इस बैठक के दौरान बजट प्रस्तावों और सड़क सुरक्षा नियमावली को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। दरअसल, उत्तराखंड राज्य में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने रोड सेफ्टी पॉलिसी तैयार की है, जिस पर मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है। साथ ही निर्वाचन विभाग का ढांचा पुनर्गठन किये जाने पर भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।

धामी मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न, बजट समेत 33 प्रस्तावों पर मुहर

पूर्व विधायकों की पेंशन में की गई बढ़ोत्तरी

वनाग्रि रोकने के लिए गठित समिति को 30 हजार रुपए मिलेंगे

सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने रोड सेफ्टी पॉलिसी की तैयार

निर्वाचन विभाग का ढांचा पुनर्गठन किये जाने पर भी मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान तमाम विभागों की वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी दी गई है। साथ ही मुख्य रूप से पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन में भी बढ़ोत्तरी किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर भी धामी मंत्रिमंडल ने सहमति जता दी है। पूर्व विधायकों को जहां पहले 40 हजार रुपए पेंशन मिलती थी उसे बढ़ाकर अब 60 हजार रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा हर साल पूर्व विधायकों की पेंशन में 3000 रुपये की बढ़ोत्तरी भी की जाएगी। जबकि पहले 2500 बढ़ोत्तरी की जाती थी। यही नहीं, सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए विधायकों को मिलने वाले पेट्रोल के पैसों में भी बढ़ोत्तरी की गई है।

मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे बनाए जाने संबंधित डीपीआर को भारत सरकार को भेजने पर सहमति बन गई है। वनाग्नि को रोकने के लिए वन विभाग की ओर से गठित समिति को 30 हजार रुपए प्रति समिति दिए जाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा, खुरपिया फार्म की जमीन को आवासीय भूमि के रूप में इस्तेमाल करने पर सहमति मंत्रिमंडल ने दी है। यही नहीं, सैनिक कल्याण विभाग के लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध कराए जाने पर भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न होने के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कैबिनेट की बैठक के दौरान 33 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा की गयी है। इसमें आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों पर मंजूरी मिल गई है। वनाग्नि सत्र शुरू हो रहा है जिसको देखते हुए जंगलों की आग रोकने के लिए जन सहभागिता के साथ ही ग्राम पंचायत, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल के साथ ही वन विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर काम किया जा सके। इसके अलावा निर्वाचन विभाग के ढांचे का पुनर्गठन किये जाने पर मंजूरी मिल गई है।

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