काली सेना ने लिया उत्तराखण्ड को हिन्दू राज्य बनाने का संकल्प
हरिद्वार। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर काली सेना का संकल्प पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें वर्ष भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा को प्रस्तुत करते हुए संकल्प पत्र जारी किया।
भूपतवाला स्थित शांभवी धाम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहाकि काली सेना देश व देवभूमि के उत्थान के लिए समर्पित एक निष्ठावान संगठन है। काली सेना का संकल्प सनातनियों की एकजुटता पर आधारित है। पहाड़ मैदान के बीच खाई खोदने का काम कर रहे नेताओं के भरोसे उत्तराखण्ड की रक्षा नहीं की जा सकती है।
स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड हजारों बलिदानों के बाद प्राप्त हुआ है। इसका उत्थान हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि काली सेना द्वारा 9 नवम्बर 25 से 9 नवबंर 26 तक अनेक गतिविधियांे का संचालन किया जाएगा। यह अवधि देवभूमि जागृति वर्ष के रूप में जाएगी। प्रत्येक गतिविधि निर्धारित लक्ष्यों पर आधारित होगी। संकल्पों का मूल उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार, जिहादी तत्वों पर रोक, जनसंख्या संतुलन और उत्तराखण्ड को शुद्ध रूप से हिन्दू राज्य बनाना है। उत्तराखण्ड से गायब हुई बच्चियों को ढूढ़ने के लिए काली सेना एक टास्क फोर्स का गठन करेंगी और उन्हें खोजने का कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि देवभूमि में मांस, मदिरा पर पूर्ण प्रतिबंध की माग को लेकर काली सेना जिलेवार जनजागरण यात्राएं निकालेगी और सभाएं करेगी। प्रदेश में पलायन एक बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए काली सेना जिलेवार रोजगार, स्वरोजगार का प्रशिक्षण और संस्थान चलाने के लिए धन उपलब्ध कराने का कार्य करेंगी। स्वामी आनन्द स्वरूप महाराज ने कहाकि उत्तराखण्ड छोटा प्रदेश है। जिन लोगों ने पहाड़ से पलायन नहीं किया है। उनके सरकार घर व स्थायी नौकरी की व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण हरिद्वार जनपद को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने के साथ हरिद्वार से देवप्रयाग तक के क्षेत्र को कुंभ क्षेत्र घोषित कर कुंभ क्षेत्र में मांस, मदिरा और गैर हिन्दुओं के निवास, व्यापार पर कानूनी रोक लगायी जाए। इसके लिए सरकार पर दवाब बनाने का कार्य काली सेना करेगी। हिन्दुओं की एकता के लिए ग्राम स्तर पर हिन्दू पंचायतों का मासिक आयोजन और पूरे उत्तराखण्ड में काली सेना के दस लाख सक्रिय सदस्य बनाने का संकल्प लिया गया। इसी के साथ उन्होंने उत्तराखण्ड के व्यापारियों से अपनी दुकानों, प्रतिष्ठानों पर अपना नाम लिखने की अपील की। इस अवसर पर हरीश देवली, मनोज गहतोड़ी आदि मौजूद रहे।

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