-यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि पूरे देश की हृदय विदारक क्षण : स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश। मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उनकी देशभक्ति व राष्ट्रप्रेम को नमन करते हुये भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. कलाम साहब केवल वैज्ञानिक नहीं, बल्कि एक सजग व्यक्तित्व, विचारशील राष्ट्रसेवक और भारत के युवाओं के लिए एक उज्ज्वल प्रकाशपुंज थे।

वे कहते थे, सपने वो नहीं जो सोते वक्त आएं, बल्कि सपने वो हैं जो आपको सोने न दें। आज भी उनका जीवन और विचार सभी युवाओं को एक विकसित और समर्पित भारत के निर्माण की प्रेरणा देता है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा हरिद्वार से आई एक अत्यंत दुखद सूचना ने सभी को गहरे दुख में डुबो दिया। मनसा देवी मंदिर में आज सुबह दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण सीढ़ी मार्ग पर भगदड़ मच गई, जिसमें कुछ श्रद्धालु घायल हुए और दुर्भाग्यवश कुछ श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस पीड़ादायक घटना पर गहन शोक व्यक्त करते हुए कहा कि श्रद्धा के पथ पर चले ये श्रद्धालु माँ के दर्शन की अभिलाषा लिए आए थे, पर अब वे माँ की अनंत गोद में समा गए। यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि पूरे देश की हृदय विदारक क्षण है।

स्वामी जी ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जब कोई तीर्थ यात्री घर से माँ के दर्शन की भावना लेकर निकलता है, तो वह केवल एक व्यक्ति नहीं होता, वह एक परिवार की आस्था, भावनाओं और विश्वास का प्रतिनिधि होता है। जब ऐसा कोई अचानक काल का ग्रास बनता है, तो केवल शरीर नहीं, पूरे परिवार का विश्वास और जीवन बिखर जाता है।

स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार और जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है, और घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी स्वयं स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं परन्तु आप सभी धैर्य व संयम से कार्य करें।

परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर ऋषिकुमारों ने सामूहिक रूप से माँ गंगा और माँ मनसा देवी से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें, घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें और पीड़ित परिवारों को यह वज्र सा दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।

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