-स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में संत मुरलीधर जी के श्रीमुख से हो रही श्रीराम कथा में किया सहभाग
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के पावन गंगा तट पर आज माननीय विधानसभा अध्यक्ष, मध्यप्रदेश सरकार, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी अपने परिवार सहित पहुंचे और उन्होंने अपना 68वां जन्मदिवस मां गंगा की गोद में, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में मां गंगा का पूजन, अर्चन कर दिव्यता से परिपूर्ण वातावरण में मनाया और स्वामी जी का आशीर्वाद लिया।
श्री तोमर जी ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में संत मुरलीधर जी के द्वारा संपन्न हो रही श्रीराम कथा में सहभाग किया और प्रभु श्रीराम के आदर्शों, भक्ति की गहराई और जीवन-संस्कारों से ओतप्रोत प्रसंगों को श्रद्धापूर्वक श्रवण किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम के चरण, शरण और आचरण जब जीवन का पाथेय बन जाते हैं तो कथा करनी नहीं पड़ती बल्कि हो जाती है। मां गंगा के तट पर आकर जन्म ही उत्सव बन जाता है। स्वामी जी ने कहा कि मां शबरी की यात्रा श्रद्धा की यात्रा है, शबरी की यात्रा शुद्धि की यात्रा है, शबरी की यात्रा भक्ति की यात्रा है, शबरी की यात्रा भक्ति की शक्ति की यात्रा है। जीवन में अधिकांशतः बुद्धि की यात्रा पर चला जाता है, परंतु जीवन जब शुद्धि की यात्रा पर होता है तो वह परमात्मा से जुड़ जाता है। जीवन जब बुद्धि से चलता है तो प्रसिद्धि व सफलता तो मिलती है लेकिन जब शुद्धि से चलता है, प्रसिद्धि तो मिलती ही है, साथ में सिद्धि भी प्राप्त होती है, जो प्रसन्नता के साथ प्रपन्न भी बना देती है। बुद्धि हमें फायदा तो पहुँचा सकती है लेकिन शुद्धि फायदे के साथ कायदे में रहना भी सिखाती है।
माननीय विधानसभा अध्यक्ष, मध्यप्रदेश सरकार, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने कहा कि मेरे जन्मदिवस के अवसर पर पूज्य स्वामी जी, पूज्य संतों और मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। स्वामी जी महाराज ने अध्यात्म व धर्म के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किया है। बहुत सारे साधु-संत प्रभु की तपस्या व तप में लीन रहते हैं और चरम पर पहुँचने के लिये प्रयासरत हैं। ऐसे में पूज्य स्वामी जी अपनी साधना, अध्यात्म, परमार्थ के साथ ही पर्यावरण संरक्षण, जैविक ग्राम, नदियों की स्वच्छता में जो योगदान दे रहे हैं वह अद्भुत है। मुझे एक बार पूज्य स्वामी जी के जन्मदिवस के अवसर पर आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
श्री तोमर जी ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटलबिहारी वाजपेयी जी व कुशाभाऊ ठाकरे जी को याद किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धा से किया गया हर कार्य ही परमात्मा का कार्य होता है, इस भाव को अपने अंदर सदैव बनाए रखें। व्यक्ति को अपने प्रति सदैव कठोर बना रहना चाहिए, तभी वह समाज के प्रति नम्र बना रह सकता है। मुझे लगता है कि जन्मदिवस के इस अवसर पर परमार्थ निकेतन आना मानो मेरे जीवन का सौभाग्य है और यह जीवन को और निखार रहा है।
श्री अजय भाई जी, श्री सत्यभूषण जी, श्री महेश जी और अनेक विशिष्ट विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
श्री नरेेन्द्र सिंह तोमर जी के जन्मदिवस के अवसर पर स्वामी जी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।