भविष्य की तकनीकों से परिचित हों छात्र, विज्ञान के क्षेत्र में करें भारत का नाम रोशन : मुकुल चौहान

***धूम सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल हरिद्वार में रॉकेट्री कार्यशाला का आयोजन, एस्ट्रोपाठशाला के सहयोग से हुआ सफल आयोजन

हरिद्वार। धूम सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल के निदेशक मुकुल चौहान ने विशेष रॉकेट्री कार्यशाला की नई पहल को लेकर गहरी उत्सुकता जताई और कहा, “हमारा सपना है कि हमारे छात्र भविष्य की तकनीकों से परिचित हों और विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन करें। यह कार्यक्रम छात्रों को वैज्ञानिक सोच और नवाचार की दिशा में प्रेरित करेगा।”

बताते चलें कि

धूम सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल, हरिद्वार में गुरुवार को छात्रों के लिए एक विशेष रॉकेट्री कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका संचालन एस्ट्रोपाठशाला के सहयोग से किया गया। यह कार्यशाला नई पीढ़ी को अंतरिक्ष विज्ञान और रॉकेट प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों से अवगत कराने और उन्हें भविष्य की ज़रूरतों के अनुरूप कौशल विकसित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई।

इस अवसर पर स्कूल ने यह भी घोषणा की कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अंतर्गत STEM टेक्नोलॉजी आधारित पहला एस्ट्रोनॉमी एवं स्पेस टेक करिकुलम शुरू करने की योजना पर कार्य कर रहा है। यह हरिद्वार क्षेत्र में अपनी तरह की पहली पहल होगी, जो छात्रों को खगोलशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान के व्यावहारिक अनुभव से जोड़ेगी।

कार्यशाला का संचालन एस्ट्रोपाठशाला टीम द्वारा किया गया, जिसमें अजय रावत, सह-संस्थापक एवं सीईओ – एस्ट्रोवर्स, आदित्य भारद्वाज, एजुकेटर – एस्ट्रोपाठशाला, तथा मयंक अग्रवाल, स्ट्रैटेजिक हेड – एस्ट्रोवर्स विशेष रूप से उपस्थित रहे। विद्यालय की प्रधानाचार्या साधना भाटिया एवं निदेशक मुकुल चौहान ने भी इस अवसर पर शिरकत की।

कार्यशाला में छात्रों ने रॉकेट निर्माण की बुनियादी तकनीक सीखी और अंत में रॉकेट लॉन्च का रोमांचक प्रदर्शन देखा। रॉकेट के सफल प्रक्षेपण ने सभी छात्रों को रोमांचित कर दिया और विज्ञान के प्रति उनकी जिज्ञासा और उत्साह में जबरदस्त इजाफा हुआ।

अजय रावत ने इस दौरान छात्रों से बातचीत करते हुए कहा, “आज की दुनिया तेजी से बदल रही है। अंतरिक्ष विज्ञान और नई टेक्नोलॉजी में भारत का भविष्य उज्जवल है, और ऐसे कार्यक्रम बच्चों को उसी दिशा में प्रेरित करने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं।”

धूम सिंह मेमोरियल स्कूल की यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड क्षेत्र में विज्ञान शिक्षा को एक नई दिशा देगी और आने वाले समय में देश को वैज्ञानिक सोच रखने वाले युवा प्रदान करेगी।

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