देहरादून। रामनगर में जी-20 सम्मेलन का आगाज होने जा रहा है और मई माह में ऋषिकेश भी दो जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी करेगा। ऐसे में इन आयोजनों की सफलता हेतु राज्य की धामी सरकार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। बल्कि इस वैश्विक आयोजन के माध्यम से सरकार की मंशा है कि उत्तराखंड को विश्व फलक पर एक नई पहचान दिलाई जाए। इस बार भारत में हो रहा जी-20 सम्मेलन कई मायनों में अलग है। दरअसल, इस बैठक को केवल नई दिल्ली तक सीमित न रख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे पूरे देश में ले जाने का निर्णय लिया ताकि वैश्विक स्तर पर भारत की विविधता के रंग बिखर सकें।
इसी क्रम में उत्तराखंड को पहले पहल जी-20 की केवल दो बैठकें ही मिली थी लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अथक प्रयासों और उत्तराखंड के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष लगाव के चलते उत्तराखंड को कुल तीन बैठकें आयोजित करने का अवसर मिला। अब इस अवसर को राज्य की धामी सरकार भी भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। सरकार की ओर से इन सम्मेलनों की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब से इन बैठकों की मेजबानी राज्य को मिली तभी से इसे लेकर निरंतर बैठकों और तैयारियों का क्रम जारी रहा। राज्य सरकार की ओर से जी-20 के लिए बकायदा बजट में 100 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया।
रामनगर में आज से पहला जी-20 सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। यूं तो रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क के चलते पहले से ही दुनिया में मशहूर है। इसके अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एडवेंचरर बेयर ग्रिल्स के साथ कॉर्बेट में नजर आ चुके हैं। ऐसे में जी-20 का यह सम्मेलन रामनगर व आसपास के क्षेत्रों के लिए पर्यटन की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है। इतने देशों के प्रतिनिधियों के एक साथ यहां जुटने के बाद और अधिक संख्या में लोग इस जगह के बारे में जान सकेंगे। इसी तरह मई माह में ऋषिकेश क्षेत्र में होने वाली दो बैठकों से राज्य के विभिन्न पहलुओं से विदेशी मेहमानों को रूबरू होने का अवसर मिलेगा। जी-20 में भारत के साथ ही जापान, रूस, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, फ्रांस, जर्मनी, मेक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली व चीन भी शामिल हंै।
सम्मेलन में कई वैश्विक संस्थाएं भाग लेंगी जिनमें संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व व्यापार संगठन, विश्व श्रम संगठन, वित्तीय स्थिरता बोर्ड, एशियाई विकास बैंक और कनेक्शन फॉर इकोनामिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट शामिल हैं। इनके अलावा भारत के मित्र देश जैसे बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। रामनगर में आयोजित होने वाली बैठक का उद्देश्य जी-20 के सदस्य देशों के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकारों और उनके समकक्षों के साथ-साथ आमंत्रितदेशों को एक साथ लाना है। इससे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित महत्वपूर्ण वैश्विक नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सहयोग की रूपरेखा विकसित की जा सकेगी।
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