हरिद्वार। बैठक में मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों से कूड़ा निस्तारण, सफाई व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में 160 नाले हैं, उनकी सफाई का कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है, जिसके लिये 124 सफाईकर्मियों लगाये गये हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने यह भी बताया कि शहर में एक दिन में तीन टाइम सफाई-व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर अधिकारियों ने अस्पतालों की व्यवस्थायें आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों की सफाई व्यवस्था चाक-चौबन्द रहनी चाहिये। कभी भी अस्पतालों, नगर निगम की सफाई व्यवस्था तथा कार्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति आदि का औचक निरीक्षण किया जा सकता है । अगर औचक निरीक्षण के दौरान कहीं पर भी कोई कमी पाई जाती है, तो सम्बन्धित के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को कार्यालयों में बॉयोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने के सम्बन्ध में भी निर्देश दिये।
नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इण्डिया द्वारा हरिद्वार में किये गये विभिन्न विकास कार्यों के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को बैठक में दी गयी। एनएचएआई की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि राष्ट्रीय राजमार्गों में कई जगह पानी रूका रहता है, जिसकी सही निकासी नहीं होने की वजह से जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि हाईवे पर जो नालियां बनी हैं, वे केवल हाईवे के पानी की निकासी के लिये बनी हैं, जबकि इन नालियों में आसपास की बस्तियों व अन्य जगह का पानी भी आ जाता है, जिसकी वजह से जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एनएचएआई तथा सिंचाई विभाग समन्वय स्थापित करते हुये एक समग्र योजना बनाकर इस समस्या का समाधान निकालना सुनिश्चित करें।
मुख्यमन्त्री ने समीक्षा के दौरान जल निगम तथा जल संस्थान के अधिकारियों से पानी की व्यवस्था के सम्बन्ध में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से की जा रही है। जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि जनपद में 12 हजार हैण्डपम्प लगे हैं तथा जो हैण्डपम्प किसी वजह से खराब हो जाते हैं, तो उनकी समय-समय पर मरम्मत कराई जा रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता को पेयजल की कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने बैठक में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल की प्रगति के सम्बन्ध में भी जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि टेण्डर की प्रक्रिया की वजह से कार्य की मप्रगति कुछ धीमी रही है। इसके अन्तर्गत ओवर हैड टैंक बन गये हैं तथा पाइप लाइन बिछा दी गयी है। जल्दी ही इसमें लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।
विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में उद्योगों को पूरी बिजली दी जा रही है तथा विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में काफी सुधार है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बिजली की चोरी की घटनाओं पर भी पूरी नजर रखी जाये तथा विजिलेंस की टीम को सक्रिय किया जाये एवं बिजली चोरी की घटनाओं में जो लिप्त पाये जाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने आगामी जुलाई माह में होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जायजा लिया, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ मेले की तैयारियां प्रारम्भ कर दी गयी हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा से सम्बन्धित जो भी तैयारियां हैं, उनको समय से करना सुनिश्चित करें।
बैठक में आयुष्मान कार्ड, अवैध निर्माण, अवैध अतिक्रमण, आपदा प्रबन्धन, दूधाधारी चौक पर जाम की स्थिति आदि के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श हुआ तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। इस अवसर पर रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान, रूड़की विधायक श्री प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक श्री सुरेश राठौर, जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत, ए.डी.एम (प्रशासन) श्री पी.एल.शाह, ए.डी.एम.(वित्त एवं राजस्व) श्री वीर सिंह बुदियाल सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे ।