रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने और स्थानीय उद्योग पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए भारत सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि सशस्त्र बलों की सभी आधुनिकीकरण आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से पूरा किया जाएगा। इसके लिए रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।

दरअसल, रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसे बढ़ावा देने के लिए रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 में संशोधन किया गया है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक खरीद के प्रकार के बावजूद तीनों सेवाओं और भारतीय तटरक्षक बल की सभी आधुनिकीकरण जरूरतों को स्वदेशी रूप से सोर्स किया जाना चाहिए। घरेलू उद्योग पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए इंटीग्रिटी पैक्ट बैंक गारंटी की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है।

सोमवार को भारत की रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया में बड़े बदलावों की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सशस्त्र बलों को घरेलू उद्योग से आधुनिकीकरण अभियान के तहत सैन्य हार्डवेयर प्राप्त करना होगा और उनका आयात केवल एक अपवाद होना चाहिए। रक्षा अधिग्रहण परिषद या रक्षा मंत्री की विशिष्ट मंजूरी के साथ किया जाना चाहिए। कहा गया कि 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले सभी अधिग्रहण मामलों के लिए बयाना राशि (ईएमडी) को बोली सुरक्षा के रूप में लिया जाएगा।

इसके साथ यह भी बताया गया कि वित्त मंत्रालय की सलाह के अनुसार और वित्तीय सुरक्षा उपायों को बनाए रखते हुए भारतीय रक्षा उद्योग पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए इंटीग्रिटी पैक्ट बैंक गारंटी की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि इसके बजाय 100 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता की स्वीकृति की लागत के साथ सभी अधिग्रहण मामलों के लिए बयाना राशि जमा (ईएमडी) को बोली सुरक्षा के रूप में लिया जाएगा।

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