भारतीय परंपरागत चिकित्सा पद्धति, मरीजों के उपचार की रीढ़: डॉ अर्जुन पांडे

***भारतीय परंपरागत चिकित्सा संगठन की बैठक संपन्न, सरकार से मान्यता देने की मांग

हरिद्वार। भारतीय परंपरागत चिकित्सा प्रणाली को मान्यता देने के लिए सरकार बोर्ड का गठन करें।

यह चिकित्सा पद्धति मरीजों के उपचार में मेरूदंड साबित हो रही है। कोरोना काल में उपचार इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। भारत सरकार को तत्काल प्रभाव से इस पद्धति को मान्यता प्रदान करनी चाहिए। उक्त विचार भारतीय परंपरागत चिकित्सा संगठन के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पांडे ने शनिवार को लखनऊ धर्मशाला में आयोजित संगठन की बैठक के दौरान व्यक्त किए।

गौरतलब है कि भारतीय परंपरागत चिकित्सा संगठन की महत्वपूर्ण बैठक हरिद्वार के लखनऊ धर्मशाला में बुलाई गई। बैठक में भारतीय परंपरागत चिकित्सा प्रणाली पर वृहद मंथन करते हुए भारत सरकार से मान्यता देने की मांग की गई।संगठन के महासचिव सरोज योगी ने कहा कि मरीजों को प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति द्वारा दिया जा रहा चिकित्सीय स्वास्थ्य -लाभ भारत जैसे देशों में मेरुदंड साबित हो रहा है। जैसा की कोरोना काल में उपचार इसका प्रत्यक्ष प्रमाण रहा है। उन्होंने कहा कि कि संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि जिस प्रकार से आयुष मंत्रालय ने यौगिक शिक्षा एवं चिकित्सा के विकास के लिए योग सर्टिफिकेट्स बोर्ड का गठन किया है; उसी प्रकार भारत के प्राचीन चिकित्सा परंपरागत प्रणाली को भी भारत सरकार मान्यता प्रदान करने के लिए बोर्ड का गठन किया जाए। बैठक की अध्यक्षता चौधरी मंगल सिंह संचालन सरोज योगी एवं डॉ अर्जुन पांडे की संरक्षकता में किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ झारखंड उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश उत्तराखंड हरियाणा दिल्ली से लोग सुझाव दिए एवं उपस्थित होकर बैठक को सुशोभित किया।

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