हरिद्वार। ज्वालापुर के मोहल्ला दलालान मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा भक्ति ज्ञान के सातवें दिन गुरुवार को व्यास पीठ पर सुशोभित भागवत आचार्य पं. अवधेश मिश्र ने कथा पंडाल में मौजूद सैकड़ों भक्तों को भक्त सुदामा चरित्र एवं राजा परीक्षित मोक्ष की कथा विस्तार पूर्वक सुनाइ।  जिसे सुनकर भक्त भाव विभोर हो उठे। कथावाचक अवधेश मिश्र ने भगवान श्री कृष्ण एवं सुदामा की मित्रता का सुंदर वर्णन करते हुए श्रीमद् भागवत कथा के महत्व का सार समझाया, जिसे भक्तों ने ध्यानपूर्वक सुना।   उन्होंने कहा कि पौष मास में पितरों के निमित्त श्रीमद् भागवत कथा कराने एवं श्रवण करने से मनुष्य के समस्त पितरों की सदगति एवं उन्हे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है। मनुष्य के ऊपर हमेशा पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। इस अवसर पर कार्यक्रम के अंत में भागवत जी की आरती एव व्यास पूजा का आयोजन हुआ। व्यास पूजा करने वालों में तीर्थ पुरोहित पं. सचिन दलाल, सुधांशु दलाल, माता मिथलेश, रितु एवं मीनू, श्रेय, कनन, अक्षरा, पं श्रीराम सरदार, विश्व मोहन सराय वाले, देबू सराय वाले, श्याम मनोहर श्री कुंज, हरि श्याम श्री कुंज, प्रवीण मल के, गौरव झा, राजेश मिश्रा, राकेश मिश्रा, सुनील मिश्रा, रजत मिश्रा, कमल दलाल, श्वेत कांत दलाल, पंकज दलाल, मुकेश दलाल, विनीत दलाल, मेघा एवं गौरव शिवपुरी, वैभव शिवपुरी, अतुल शर्मा, विकास शर्मा, प.कन्हैया मलके, प्रशांत मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे। वही कार्यक्रम के अंतिम दिन भागवत कथा विश्राम के बाद पवित्र भागवत पुस्तक को शोभायात्रा के रूप में बैंड बाजे के साथ आचार्य जी के घर तक ले जाया गया। उधर दूसरी ओर श्री रघुनाथ सत्संग मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ के अंतिम सातवें दिन कथा वाचक पंडित वासुदेव मिश्र ने उपस्थित लोगो को भक्त सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई। इस अवसर पर पंडित उमाशंकर वशिष्ठ, सचिन कौशिक, अनिल कौशिक, सौरव सिखोला, सुधीर श्रोत्रीय, विपुल मिश्रोटे, श्याम सुंदर बिजली वाले, आमेश सराय वाले, पंडित रामकुमार मिश्रा, श्रीकांत वशिष्ठ, प्रदीप निगारे, अंकुर पालीवाल आदि लोग उपस्थित रहे।

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