देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने को किए गए कार्यों में प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अगले एक हफ्ते में एक्शन प्लान तैयार कर दिखाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने दूध में मिलावट रोकने के लिए तत्काल अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच के लिए सघन सैंपलिंग अभियान चलाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस काम में सफलता तभी मानी जाएगी जब आम पब्लिक कहेगी कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रुक गई है। इसके लिए सैंपल कलेक्शन और टेस्टिंग को वर्तमान की स्थिति से 20, 30 गुना बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। साथ ही मिलावट सिद्ध हो जाने पर सजा भी होनी चाहिए ताकि मिलावट करने वालों को सबक मिले। खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहली बैठक में दिए गए टेस्टिंग लैब बढ़ाए जाने के आदेशों पर अभी तक कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में टेस्टिंग लैब एवं उपकरणों की आवश्यकतानुसार प्रस्ताव तैयार कर तुरन्त भेजा जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों के लिए गए सैंपलों की अगले एक-दो दिनों में टेस्टिंग का रिजल्ट आ जाए इसके लिए प्रयास किए जाएं इसके लिए लैब तैयार होने तक अन्य राज्यों में कहाँ कहाँ सैंपल भेजे जा सकते हैं इस कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने त्न्ज्ञव् अभियान के तहत यूज्ड कुकिंग ऑयल के प्रयोग को फूड चेन से बाहर करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने के भी निर्देश दिए। साथ ही जागरूकता के लिए लगातार कार्यशालाओं का आयोजन किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने प्रदेश के स्थानीय खाद्य पदार्थों को अधिक से अधिक उपयोग के लिए योजनाएं तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे होटल रेस्टोरेंट एवं कारोबारियों को प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए एवं मिलावटखोरों को दंडित किया जाए। साथ ही विभिन्न माध्यमों से जागरूकता फैलाने हेतु अभियान चलाया जाए। इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन एवं आर. राजेश कुमार सहित समिति के अन्य सदस्य एवं उच्चाधिकारी उपस्थित थे।