-परमार्थ निकेतन से श्रावण माह और कावंड यात्रा की अनेकानेक शुभकामनायें
-नीलकंठ महादेव, उत्तराखंड़ में कांवड यात्रा सेवा प्रकल्प का शुभारम्भ
-स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर हरित कांवड़ यात्रा का दिया संदेेश
-पुष्पवर्षा कर शिवभक्तों को किया दिव्य व भव्य अभिनन्दन
ऋषिकेश। श्रावण मास के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश से स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देशवासियों को श्रावण माह और कावंड़ यात्रा की शुभकमनायें देते हुये स्वच्छ, सुरक्षित एवं हरित कांवड़ यात्रा का संदेश दिया। आज शासन, प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन टीम सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में कांवड मेला सेवा का शुभारम्भ किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस अवसर पर रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर हरित कांवड़ यात्रा का संदेश दिया और श्रद्धालुओं व शिव भक्तों से आह्वान किया कि वे इस पवित्र कावंड यात्रा के माध्यम से शिव भक्ति का भाव जगाकर पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प भी लें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा, भगवान शिव, कैलाशवासी, ध्यानस्थ योगी है और वे प्रकृति के सर्वोच्च संरक्षक भी हैं। शिवजी की जटाओं से ही मां गंगा प्रकट होती हैं, उनके कंठ में विष और गले में नाग हैं, उनका वाहन नंदी है, ये सभी प्रतीक हैं कि शिवजी सृष्टि के समस्त जीव-जंतुओं और प्रकृति से गहराई से जुड़े हुए हैं। अतः श्रावण मास में शिव पूजन के साथ-साथ हमें प्रकृति पूजन का भी संकल्प लेना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि “हर कांवड़िया जब जल लेकर चलते हंै तो वह एक संकल्पधारी होते हैं। यदि हर कांवड़िया जल के साथ पर्यावरण-संरक्षण का भाव भी लेकर चले, तो यह धार्मिक यात्रा के साथ सामाजिक जागरूकता की यात्रा भी बन जाएगी।
श्रावण मास हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र मास है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु मां गंगा से जल भरकर पैदल यात्रा कर नीलकंठ महादेव जाकर जलाभिषेक करते हैं। इस विशाल जन सहभागिता को देखते हुए, परमार्थ निकेतन द्वारा विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी जल, चिकित्सा, पर्यावरण सेवाओं और स्वच्छता जागरूकता के माध्यम से इस यात्रा को और अधिक सुरक्षित, स्वच्छ एवं पर्यावरण अनुकूल बनाने हेतु सेवा के प्रकल्प की शुरूआत करता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उत्तराखंड पुलिस, स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्वच्छता सेवकों का विशेष रूप से धन्यवाद देते हुये कहा कि उत्तराखंड के युवा व कर्मठ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के मार्गदर्शन में कांवड़ यात्रा सुरक्षा, सेवा और स्वच्छता का अद्भुत संगम बनेगी। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनन्दन करने पर स्वामी जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि कांवड यात्रा में इस वर्ष लगभग 95 प्रतिशत युवाओं को प्रतिभाग है जो वास्तव में एक क्रांतिकारी परिवर्तन है।
सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाभावना से यह यात्रा व्यवस्थित और सुरक्षित बनती है। स्वामी जी ने सभी विभागों का आह्वान करते हुये कहा कि वे इस अवसर को जनजागरूकता के माध्यम से, प्लास्टिक मुक्त भारत, जल संरक्षण, स्वच्छता और हरियाली जैसे अभियानों को प्रोत्साहित करें। हर कांवड़ यात्री एक पौधा लगाए, प्लास्टिक का प्रयोग न करे, और दूसरों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करे, यही शिवभक्ति है।
परमार्थ निकेतन परिवार की ओर से सभी श्रद्धालुओं को श्रावण मास एवं कांवड़ यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुये आह्वान किया कि वे अपनी आस्था के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी निभाएं, स्वच्छता, सुरक्षा और हरियाली को शिव-सेवा मानें।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में एसडीएम श्री अनिल चन्याल जी, एसडीएम श्रीमती रेखा आर्या जी, एसएचओ थाना लक्ष्मण झूला, श्री संतोष कुमार जी, सीओ श्री अनुज सिंह जी, विधायक, यमकेश्वर, श्रीमती रेणु बिष्ट जी, अध्यक्ष, नगर पंचायत जौंक, श्रीमती बिंदिया अग्रवाल जी, सभासद श्री मुरली शर्मा जी, सभासद, श्री जितेन्द्र धाकड़ जी, श्रीमती रेणुका भंडारी जी, श्रीमती रूचि अवस्थी जी, श्री माधव अग्रवाल जी, श्री मनोज राजपूत जी, श्री नवीन राणा जी, श्रीमती शकुन्तला राजपूत जी, श्री भरतलाल जी, व्यापार मंडल के प्रतिनिधिगण, गणमान्य विभूतियां और जनप्रतिनिधि की गरिमामयी उपस्थिति में कांवड़ मेला सेवा प्रकल्प, 2025 का विधिवत उद्घाटन कर शुभारम्भ किया।