चंदपुरी बांगर, खानपुर (हरिद्वार)। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (USRLM) के तहत संचालित “लखपति दीदी” कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर हरिद्वार जिले के विकासखंड खानपुर की ग्राम पंचायत चंदपुरी बांगर की महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम बढ़ा रही हैं। इसी क्रम में, आशा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती आशा रानी पत्नी श्री पंकज कुमार ने ब्लॉक मिशन प्रबंधन इकाई, खानपुर के सहयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना स्वरोजगार स्थापित किया है।

श्रीमती आशा रानी ने दोना-पत्तल डिस्पोजल निर्माण मशीन स्थापित कर अपने व्यवसाय को प्रारंभ किया। उनकी मेहनत और समर्पण का ही परिणाम है कि वह हर माह ₹25,000/- से अधिक शुद्ध लाभ अर्जित कर रही हैं, जिससे न केवल उनकी आजीविका में वृद्धि हुई है, बल्कि उन्होंने ग्राम पंचायत और विकासखंड का नाम भी रोशन किया है। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की मूल अवधारणा को साकार करते हुए अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनने का कार्य किया है।

समूह की अन्य महिलाओं को भी मिला लाभ

ब्लॉक मिशन प्रबंधन इकाई, खानपुर के कुशल मार्गदर्शन में आशा जी ने अपने स्वयं सहायता समूह की अन्य 09 महिलाओं को भी इस उद्यम से जोड़ा और डिस्पोजल दोना-पत्तल निर्माण की एक और इकाई स्थापित की। आज यह व्यवसाय पूरे समूह की आजीविका का मुख्य साधन बन चुका है।

तकनीक का सही उपयोग बना सफलता की कुंजी

समूह की महिलाओं ने यूट्यूब के माध्यम से मशीन संचालित करने की विधि सीखी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर कच्चे माल की खरीददारी करना भी शुरू कर दिया। उनकी इस डिजिटल साक्षरता ने व्यवसाय को और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाया है।

महिला उद्यमिता के नए आयाम

एक महिला की सकारात्मक पहल ने पूरे स्वयं सहायता समूह को आर्थिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर किया है। “लखपति दीदी” योजना से प्रेरणा लेते हुए, ये महिलाएं न केवल अपने परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं, बल्कि क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबन की राह दिखा रही हैं।

यह पहल ग्रामीण महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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