***भगवत कथा के छठे दिन कथा व्यास ने किया भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन

***भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनकर श्रद्धालू हुए भाव विभोर

हरिद्वार। श्री पंचमुखी हनुमान दुर्गा मंदिर के संस्थापक महंत मनकामेश्वर गिरी जी महाराज ने कहा कि श्रोताओं से कहा कि लीला और क्रिया में अंतर होती है। अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा क्रिया कहलाती है। इसे ना तो कर्तव्य का अभिमान है और ना ही सुखी रहने की इच्छा, बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की, जिससे समस्त गोकुलवासी सुखी और संपन्न थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी करने का आशय मन की चोरी से है। कन्हैया ने भक्तों के मन की चोरी की। आज़ की पूजा उमा धीमान, कृष्णा धीमान, और शिखा धीमान ने संपन्न कराई।‌
श्री बालाजी धाम धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री पंचमुखी हनुमान दुर्गा मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य उद्धव मिश्रा ने श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया. श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बीच बीच में सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई. भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन करते हुए कथा वाचक आचार्य उद्धव मिश्रा ने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए. मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए. जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई. कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया. गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई. भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों ने शादी का आंनद लिया. श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन पूर्ण होने के बाद हवन पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. कथा में मुख्य यजमान डॉ प्रदीप मिश्रा, अखिलेश राजपूत,कृष्णा धीमान, उमा धीमान, शिखा धीमान, पं अभिनव शास्त्री, शीत झा, प्रभु नारायण मिश्र शांतनु ठाकुर, राजबाला, मोहिनी बंसल, निशा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तजन मौजूद रहें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *