जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में जनपदस्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक जिला कार्यालय सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में डीएफओ आशुतोष सिंह ने जिलाधिकारी को आगमी फॉरेस्ट फायर सीजन के दौरान किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि फॉरेस्ट फायर सीजन आगामी 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है।
इस दौरान फॉरेस्ट फायर की सर्वाधिक घटनाओं की भी संभावना जनपद में बनी रहती है। जिसकी पूर्व तैयारी भी विभाग द्वारा कर ली गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि वनग्नि की रोकथाम एवम वनों की सुरक्षा हेतु, रिसॉर्टस, गैस गोदामों, पेट्रोल पंपों, लीसा कारखानों एवम सड़क किनारे स्थित झोपड़ियो, दुकानों जैसे संवेदनशील स्थानों के आस–पास कम से कम 10–15 मीटर तक पत्ती, कूड़े, पिरुल एवम जवलनशील कचरे की साफ सफाई किए जाने के निर्देश दिए, ताकि वनाग्नि की घटनाओं को नियंत्रित किया जा सके।
जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त उपजिलाधिकारियों, समस्त तहसीलदारों,वन विभाग, प्रबंधक/प्रभारी, गैस सर्विसेज एवम प्रबंधक/प्रभारी, के0 एम0वी0एन0 जनपद पिथौरागढ़ को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रांतर्गत वनाग्नि के नियंत्रण हेतु तत्काल प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि महिला समूहों के माध्यम से जनपद अंतर्गत पिरूल को एकत्रित किए जाने, लेपर्ड, भालू एवम् तेतयो के हमलों से निजात दिलाने हेतु योजना बनाकर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश एसडीओ, रेंजर्स को दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि विगत दिनों विकासखंड गंगोलीहाट के भंडारीगांव, खातेगांव में लेपर्ड के हमले की घटना दोबारा न हो इस हेतु भी जिलाधिकारी ने बन विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पिछले फायर सीजन में उत्कृट कार्य करने वाले वन पंचायत का फ्लेक्स आदि द्वारा प्रचार प्रसार किया जाए। बैठक में एडीएम डॉ0 शिवकुमार बरनवाल, एसडीएम सदर यशवीर सिंह,डीडीओ रमा गोस्वामी समेत एसडीओ, रेंजर्स आदि उपस्थित थे।