हरिद्वार। कान्हा के जन्म लेते ही आसमान आतिशबाजी की रोशनी से जगमगा उठा। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महिलाएं बधाइयां गाने लगीं। मध्य रात्रि को विभिन्न मंदिरों, और घरों में नंद के लाल की एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बेताब दिखे। झूले पर झूलते श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का अलौकिक दर्शन पाकर भक्तजन निहाल हो गए। जन्मोत्सव के तहत नगर के कई मंदिरों व घरों में देर रात तक भजन-कीर्तन के उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया।
धर्मनगरी में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास के मनाया गया। नगर के साथ ही जनपद के ग्रामीण अंचलों में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी श्रद्धा-भाव से मनाया गया। पुलिस लाइन और 40 वीं वाहिनी पीएसी में कान्हा के विभिन्न स्वरूपों की सजाई गई मनोहारी झांकियों को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। मंच पर शाम को स्कूली बच्चों का कार्यक्रम और रात्रि में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उधर इस्कॉन की ओर से शुभारंभ पैलेस में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। कान्हा के जन्म लेते ही श्रद्धालुओं ने जयघोष के साथ ही आतिशबाजी व पटाखे छूटने शुरू हो गए। मंदिरों में अपने मधुर भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उधर जिला कारागार परिसर में जन्माष्टमी का पर्व श्रद्धाभाव से मनाया गया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन के साथ ही रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। नगर के हर गली व मुहल्लों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। व्रती महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजन-अर्चन कर सुख-समृद्धि के लिए कामना किया, वहीं बच्चों और युवाओं ने अपने-अपने घरों में कई मनोहारी झांकियों को सजाकर भगवान का जन्मोत्सव बड़े ही उल्लास से मनाया। रेलवे स्टेशन पर बनाई गई झांकी को देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचे। बड़ा अखाड़ा में भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। शहर में सजाई गई श्रीकृष्ण की लीलाओं सहित कई अन्य प्रकार की भव्य झांकियों का नजारा देखने शाम के समय दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। एक से बढ़कर एक सजी भव्य झांकियों को देखने के लिए बड़ों की अपेक्षा बच्चे काफी उत्साहित नजर आ रहे थे।